सार

इस बार 11 अक्टूबर, रविवार को रवि पुष्य का योग बन रहा है। रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बहुत ही शुभ माना गया है। इस शुभ योग में किया गए उपाय व पूजा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है।

उज्जैन. इस शुभ योग में किया गए उपाय व पूजा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, 11 अक्टूबर को रवि पुष्य के शुभ योग में अगर सूर्यदेव को विधि-विधान से अर्घ्य दिया जाए तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ये है सूर्यदेव को जल चढ़ाने की विधि-

- भविष्य पुराण के अनुसार, सुबह स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
- इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।
- जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का जाप करें। इस जाप के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करना चाहिए। सूर्य मंत्र - ऊँ खखोल्काय स्वाहा। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
- इस प्रकार सूर्य पूजा करने के बाद धूप, दीप से सूर्य देव का पूजन करें।
- सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करें।
- अपनी श्रद्धानुसार इन चीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। इससे कुंडली में सूर्य के दोष दूर हो सकते हैं।
- सूर्य दोष के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रवि पुष्य के शुभ योग को व्रत करें। एक समय फलाहार करें और सूर्यदेव की पूजा करें।