सार
ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं और सभी ग्रहों की अलग-अलग धातु है। ग्रहों का राजा सूर्य है और सूर्य का धातु है तांबा। हिन्दू धर्म में सोना, चांदी और तांबा, ये तीनों धातुएं पवित्र मानी गई हैं।
उज्जैन. ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं और सभी ग्रहों की अलग-अलग धातु है। ग्रहों का राजा सूर्य है और सूर्य का धातु है तांबा। हिन्दू धर्म में सोना, चांदी और तांबा, ये तीनों धातुएं पवित्र मानी गई हैं। इसीलिए पूजा-पाठ में इन धातुओं का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा इनकी अंगूठी भी काफी लोग पहनते हैं। यहां जानिए तांबे की अंगूठी पहनने से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं…
1. तांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए। इससे कुंडली में सूर्य के दोषों का असर कम हो सकता है।
2. सूर्य के साथ ही तांबे की अंगूठी से मंगल के अशुभ असर भी कम हो सकते हैं।
3. तांबे की अंगूठी के प्रभाव से सूर्य का बल बढ़ता है, जिससे हमें सूर्य देव की कृपा से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है।
4. तांबे की अंगूठी लगातार हमारे शरीर के संपर्क में रहती है, जिससे तांबे के औषधीय गुण शरीर को मिलते हैं। इससे खून साफ होता है।
5. जिस प्रकार तांबे के बर्तन में रखा पानी स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है, ठीक उसी प्रकार तांबे की अंगूठी से भी फायदा मिलता है।
6. तांबे की अंगूठी के असर से पेट से जुड़ी बीमारियों में भी राहत मिल सकती है।
7. तांबा लगातार त्वचा के संपर्क में रहता है, जिससे त्वचा की चमक बढ़ती है।
8. आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तनों का उपयोग करने से हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यही लाभ तांबे की अंगूठी पहनने से भी मिलता है।
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