सार

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला व रथ सप्तमी (Rath Saptami 2022) कहते हैं। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार ये पर्व 7 फरवरी, सोमवार को है। ज्योतिष शास्त्र में भी इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।
 

उज्जैन. जिन लोगों की कुंडली में सूर्यदेव अशुभ स्थिति में है या फिर जिन लोगों पर इस समय सूर्य की महादशा है, वे अगर रथ सप्तमी (Rath Saptami 2022) पर कुछ खास उपाय करे तो उनकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से सूर्य दोष का प्रभाव कम होता है, साथ ही अन्य परेशानियां भी दूर होती हैं। जानिए इन उपायों के बारे में…
 

1. रथ सप्तमी पर 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आपके बिगड़े हुए काम फिर से बन सकते हैं। 12 मुख रुद्राक्ष स्वयं सूर्यदेव का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस शुभ दिन इसे धारण करना अच्छा रहता है।
2. इस दिन सात घोड़ों पर बैठे भगवान सूर्यदेव की कनेर के फूलों से पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं। धर्म ग्रंथों में कनेर के फूलों से सूर्यदेव की पूजा करने विशेष फलदाई माना जाता है।
3. सूर्य मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को मीठा यानी शक्कर मिश्रित जल अर्पित करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है। जिन लोगों के दांपत्य जीवन में परेशानियां हो, उन्हें ये उपाय जरूर करना चाहिए।
4. अगर कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में हो तो इस दिन पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। ये उपाय करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
5. रथ सप्तमी की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें।
मंत्र- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्
6. रथ सप्तमी पर लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर किसी जरूरतमंद को दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है। गेहूं और गुड़ ये दोनों ही सूर्य से संबंधित वस्तुएं हैं। इसलिए इनका दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।


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