सार
ज्योतिष शास्त्र में केतु को पाप ग्रह माना गया है। इसके बुरे प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई संकट आते हैं।
उज्जैन. कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति अपने जीवन में कई गलत डिसिजन लेता है। वह बुरी आदतों का शिकार भी हो सकता है, साथ ही उसे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, केतु के कारण ही जन्म कुंडली में कालसर्प दोष भी बनता है। इसलिए केतु के दोष का निवारण करना बहुत ही जरूरी है। नहीं तो व्यक्ति के जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं, जिसका असर उसके परिवार पर भी पड़ता है। कुछ साधारण ज्योतिषीय उपाय कर केतु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
1. दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को व्रत रखें।
2. भैरवजी की उपासना करें। केले के पत्ते पर चावल का भोग लगाएं।
3. प्रतिदिन शाम को गाय के घी का दीपक तुलसी के पौधे के सामने लगाएं।
4. हरा रुमाल सदैव अपने साथ में रखें, बरफी के चार टुकड़े बहते पानी में बहाएं।
5. तिल के लड्डू सुहागिनों को खिलाएं और तिल का दान करें।
6. कन्याओं को रविवार के दिन मीठा दही और हलवा खिलाएं।
7. कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन शाम को एक दोने में पके हुए चावल लेकर उस पर मीठा दही व काले तिल डाल कर दान करें। अगर दान न कर पाएं तो यह दोना पीपल के नीचे रखकर केतु दोष शांति के लिए प्रार्थना करें।