सार
हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र माना गया है। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के भोग में तुलसी के पत्ते जरूर डाले जाते हैं।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए और दीपक जलाना चाहिए। इस दौरान एक मंत्र भी बोलना चाहिए। तुलसी की पूजा कैसे करें और कौन-सा मंत्र बोलें, इसकी जानकारी इस प्रकार है-
इस विधि से करें तुलसी की पूजा
- रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद तुलसी के पौधे को कुमकुम, हल्दी और चावल अर्पित करें।
- तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाएं और भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें।
- इसके बाद तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
- परिक्रमा करते समय ये मंत्र बोलें-
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
- कम से कम 5 परिक्रमा करें। इसके बाद तुलसी की आरती करें-
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता॥
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता॥
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता॥
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता॥
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता॥
जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
- इस विधि से तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।