सार
हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक मंत्रों का वर्णन मिलता है जिसके नियमित जप से मुश्किल काम भी आसानी से हो जाते हैं तथा जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
उज्जैन. मंत्रों में बहुत शक्ति होती है। मंत्रों के माध्यम से असंभव को भी संभव किया जा सकता है। हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक मंत्रों का वर्णन मिलता है जिसके नियमित जप से मुश्किल काम भी आसानी से हो जाते हैं तथा जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसा ही एक मंत्र ये भी है-
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
जाप विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तुलसी के पौधे की पूजा व परिक्रमा करें तथा दीप लगाएं।
- इसके बाद एकांत में जाकर कुश के आसन पर बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का जप करें। साधक का मुख पूर्व में होना चाहिए।
- कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।
- एक ही समय, स्थान, आसन व माला हो तो ठीक रहता है।
- कुछ ही समय में आप देखेंगे कि आपकी घर में सुख-समृद्धि का वास हो गया है। आपकी हर मुश्किल आसान होती दिखाई देगी।