सार
उत्तर प्रदेश के मथुरा के कोसीकलां औद्योगिक क्षेत्र में कथित तौर पर नाले का पानी पीने से एक दर्जन से अधिक भैंसों की मौत का मामला सामने आया है। वहीं मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए छाता तहसील के उपजिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मथुरा: यूपी (Uttar Pradesh) के ग्रामीण इलाकों या अन्य पिछड़े इलाकों में अक्सर आपने जानवरों को गंदे पानी में नहाते व उसे पीते देखा होगा। लेकिन जब वही पानी उनकी मौत का कारण बन जाए, तो व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। इसी से जुड़ा एक मामला यूपी के मथुरा (Mathura) से सामने आया, जहां जिले के कोसीकलां औद्योगिक क्षेत्र में कथित तौर पर शनिवार को नाले का पानी पीने से एक दर्जन से अधिक भैंसों की मौत हो गई।
SDM ने दिए जांच के आदेश
आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के मथुरा के कोसीकलां औद्योगिक क्षेत्र में कथित तौर पर नाले का पानी पीने से एक दर्जन से अधिक भैंसों की मौत का मामला सामने आया है। वहीं मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए छाता तहसील के उपजिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उप जिलाधिकारी कमलेश गोयल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सूचना मिली कि आज निकटवर्ती राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र से मथुरा में चारे-पानी के लिए अपनी भैंसों को लाने वाले पशुपालकों की एक दर्जन से अधिक भैंसे कोसीकलां औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषित पानी पीकर मौके पर ही मर गईं। उन्होंने बताया कि जानकारी मिलने पर तहसील की टीम के साथ मुआयना किया गया है और सभी मृत भैंसों का मथुरा के दीनदयाल पशु चिकित्सा विज्ञान विवि के विशेषज्ञों से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
प्रमाण मिलने पर कारखाना मालिकों पर होगी कार्रवाई
मिली जानकारी के मुताबिक, घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम को बुलाकर नाले के पानी के नमूने भी लिए गए हैं। उप जिलाधिकारी कमलेश गोयल बताया कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और यदि नाले का पानी जहरीला होने का प्रमाण मिलता है तो उन कारखाना मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिनका प्रदूषित जल उस नाले में छोड़ा जाता है।