सार
यूपी के कानपुर में हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई थी। शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे सामने आया है कि मृतकों के लीवर, फेफड़े और पेट में पानी भर जाने से इतने लोगों ने अपनी जा गंवा दी। सीएचसी अस्पताल को पोस्टमार्टम हाउस में तब्दील किया गया था।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए हादसे ने सभी को झझकोर कर रख दिया। मुंडन संस्कार से गांव वापसी के दौरान ट्रैक्टर-ट्राली अनियंत्रित होकर खंती में जा गिरी। इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। ट्रॉली के नीचे दबे होने के कारण लोग खुद को बचा नहीं पाए। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि मृतकों के लीवर, फेफड़े और पेट में पानी भर चुका था। जिससे उनकी मौत हो गई। यदि समय रहते ट्रॉली को हटा लिया जाता तो शायद कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
सीएचसी को बनाया गया पोस्टमॉर्टम हाउस
बताया जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर्स को मरने वालों के शरीर पर चोट नहीं मिली हैं। शनिवार देर रात डॉक्टर नवनीत चौधरी के नेतृत्व में डॉ. अरविंद, डॉ. सुनील, डॉ. विशाल, डॉ. देवेंद्र राजपूत, डॉ. अवधेश ओमर, डॉ. रमेश, डॉ. सतीष, डॉ. विपुल और डॉ. ओ.पी रॉय की टीम ने शवों का पोस्टमार्टम किया था। डॉक्टरों के पैनल ने देर रात से सुबह साढ़े 6 बजे तक 26 शवों का पोस्टमॉर्टम किया। इस दौरान 6 लोग ऐसे थे जिनके शरीर की कुछ हड्डियां टूटी मिली थीं। कानपुर में पहली बार किसी सीएचसी को पोस्टमॉर्टम हाउस में तब्दील किया गया था।
पुलिस ट्रैक्टर ड्राइवर को कर रही तलाश
बता दें कि भीतरगांव सीएचसी में 24 शव थे और 2 शव हैलेट में थे। लेकिन हंगामे की आशका के चलते डीएम विशाख ने सीएचसी में ही शवों का पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया था। जिसके बाद हैलेट अस्पताल में रखे दोनों शवों को भी सीएचसी पहुंचाया गया। इस हादसे में घटाल लक्ष्मी इलाज के हैलेट अस्पताल में भर्ती हैं। लक्ष्मी ने बताया कि ट्रैक्टर की स्पीड ज्यादा नहीं थी। लेकिन राजू के नशे में होने के कारण यह हादसा हो गया। नशे में होने के कारण राजू यह समझ ही नहीं पाया कि ट्रेक्टर कब सड़क से उतर गया। इस हादसे के बाद ट्रैक्टर ड्राइवर फरार हो गया है। अपनी मां और बेटी के अंतिम संस्कार में भी राजू नहीं पहुंचा था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित की हैं।