सार
जुड़वां बच्चों की मां श्यामा देवी कहती हैं कि "मेरी शादी 14 साल की उम्र में हो गई थी। उस वक्त मेरे पति की उम्र 22 साल की थी, शादी के बाद सालों तक हम बच्चा होने का इंतजार करते रहे। लेकिन, ऊपर वाले को ऐसा मंजूर नहीं था। मेरे पति किसान हैं। हमारे पास इतना पैसा नहीं था कि हम शहर जा कर अपना इलाज करवा सकें। हमने कई तरह के घरेलू नुस्खे अपनाएं, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिला। लेकिन, अब मां बनने के बाद काफी खुश हूं।
यह है पूरा मामला
शाहजहांपुर की निवासी श्यामा देवी की उम्र 54 साल है, जबकि उनके पति राम दर्शन की उम्र 65 साल है। दोनों को संतान नहीं था। जिसे लेकर वे काफी परेशान रहते थे। चिकित्सकों के मुताबिक शादी के 39 वें साल में श्यामा देवी प्रग्नेंट हुई है। 40वें साल में उन्हें
राजधानी लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सिजेरियन के जरिए से ऑपरेशन हुआ और श्यामा देवी ने एक बेटी व एक बेटे को जन्म दिया है।
मां ने सुनाई ये कहानी
जुड़वां बच्चों की मां श्यामा देवी कहती हैं कि "मेरी शादी 14 साल की उम्र में हो गई थी। उस वक्त मेरे पति की उम्र 22 साल की थी, शादी के बाद सालों तक हम बच्चा होने का इंतजार करते रहे। लेकिन, ऊपर वाले को ऐसा मंजूर नहीं था। मेरे पति किसान हैं। हमारे पास इतना पैसा नहीं था कि हम शहर जा कर अपना इलाज करवा सकें। हमने कई तरह के घरेलू नुस्खे अपनाएं, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिला। लेकिन, अब मां बनने के बाद काफी खुश हूं।
क्या कहता हैं मेडिकल साइंस
महिला रोग विशेषज्ञों का कहना कि महिलाओं में आमतौर से उम्र बढ़ने के साथ हार्मोन्स बेहद कम हो जाते हैं और इसीलिए उनमें माहवारी का आना भी बंद हो जाता है। माहवारी का आना जैसे ही बंद होता है वैसे ही महिला के शरीर में अंडे बनने भी खत्म हो जाते हैं। लेकिन, ऐसा बहुत कम देखा जाता है कि माहवारी खत्म होने के बाद भी अंडे बन जाएं। इस पूरे केस में ऐसा ही कुछ हुआ है।