सार

 कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़िता के पिता को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि मौत हो गई। मृतक के शरीर पर 18 जख्म थे। बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या में केंद्रीय जांच एजेंसी ने केस को पुख्ता करने के लिए कुल 55 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए गए। इनमें पीड़िता के चाचा, मां, बहन के साथ पिता के सहकर्मी भी शामिल हैं।

लखनऊ (Uttar Pradesh) । उन्‍नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्‍या के मामले में दिल्ली की 30 हजारी कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। इस मामले में कोर्ट ने  पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है। साथ ही 12 मार्च को सजा पर बहस की तिथि तय किया है। कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़िता के पिता को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि मौत हो गई। मृतक के शरीर पर 18 जख्म थे। बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या में केंद्रीय जांच एजेंसी ने केस को पुख्ता करने के लिए कुल 55 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए गए। इनमें पीड़िता के चाचा, मां, बहन के साथ पिता के सहकर्मी भी शामिल हैं।

कौन हुआ दोषी करार
हत्या के मामले में कुलदीप सेंगर और अन्‍य आरोपियों को कोर्ट रूम में लाया गया था। मामले में कुलदीप सेंगर समेत 10 के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। इनमें पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह, जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह शामिल हैं।

कोर्ट ने किया इन्हें बरी
इस मामले में आरोपी कॉन्स्टेबल अमीर खान, शरदवीर सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, टिंकू सिंह और सोन को कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि उन्‍नाव रेप पीड़िता के पिता की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में हत्‍या कर दी गई थी। तीस हजारी कोर्ट ने इससे पहले 29 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई की थी और फैसले के लिए 4 मार्च की तिथि मुकर्रर की थी।

दुष्कर्म मामले में सेंगर को मिल चुकी है उम्रकैद की सजा
4 जून, 2017 को दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग लड़की ने भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया था, फिर 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।