सार

यूपी के कानपुर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलियां बरसाईं। शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों शहीद हो गए

कानपुर(Uttar Pradesh). यूपी के कानपुर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी, जिसमें सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों शहीद हो गए। एडीजी जय नारायण सिंह ने घटना की पुष्टि की है। चार पुलिसकर्मी घायल हैं। पुलिस शातिर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी। मरने वालों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और एसओ शिवराजपुर महेश यादव भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का आदेश दिया है। शहीद पुलिसवालों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चौबेपुर पुलिस ने मिलकर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी। बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास और उसके 8, 10 साथियों ने छत के ऊपर से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं। फायरिंग में एसओ बिठूर, एक दरोगा समेत कई पुलिसकर्मियों को गोली लगी। एसओ कौशलेंद्र सिंह को एक गोली जांघ और दूसरी हाथ पर लगी। सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, सिपाही शिवमूरत, दरोगा प्रभाकर पांडेय, होमगार्ड जयराम पटेल समेत सात पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं। सेंगर और शिवमूरत के पेट में गोली लगी। दोनों की हालत गंभीर है। सूचना के बाद कई थानों की फोर्स गांव पहुंची और घायलों को लेकर रीजेंसी अस्पताल लाया गया। 

बदमाशों को पहले ही लग गई थी दबिश की भनक 
सूत्रों की मानें तो जिस तरीके से हमला हुआ, उससे आशंका है कि बदमाशों को पुलिस की दबिश की भनक मिल गई थी। जिस कारण उन्होंने तैयारी करके पुलिस पर हमला किया। पुलिस टीम पर घर की छतों से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं, इससे पुलिस को मोर्चा लेने का मौक़ा ही नहीं मिला।

(घटना की सूचना पर अस्पताल पहुंचे भाजपा सांसद देवेन्द्र सिंह भोले)

2003 में राज्यमंत्री की थाने में घुसकर विकास ने की थी हत्या 
विकास दुबे खूंखार अपराधी है। इस पर 2003 में कानपुर के शिवली थाने में घुसकर तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था। गवाहों के अभाव में वह इस केस से बरी हो गया था। इसके अलावा विकास पर प्रदेशभर में पांच दर्जन से ज्यादा गंभीर केस दर्ज हैं। उस पर 53 जानलेवा हमले के मामले दर्ज हैं। इस पर 25000 का इनाम भी घोषित है।

ये पुलिसकर्मी हुए शहीद 
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्र, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर नेबूलाल, कांस्टेबल थाना चौबेपुर सुल्तान सिंह, कांस्टेबल बिठूर राहुल, कांस्टेबल बिठूर जितेंद्र, कांस्टेबल बिठूर बबलू शामिल हैं।