सार
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर अपने दो खास राजदारों अमर दुबे और प्रभात मिश्रा के साथ भागा था। घटना को अंजाम देने के बाद तीनों अपने खास मददगार अभिषेक श्रीवास्तव के साथ कार से भागे थे। शनिवार को कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने 25 हजार के इनामी बदमाश अभिषेक को अरेस्ट किया है।
कानपुर: यूपी के कानपुर (Kanpur) वाले बिकरू कांड (Bikru kand) के डेढ़ साल बीत चुके हैं, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला लगातार जारी है। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas dubey) आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर अपने दो खास राजदारों अमर दुबे (Aman dubey) और प्रभात मिश्रा के साथ भागा था। घटना को अंजाम देने के बाद तीनों अपने खास मददगार अभिषेक श्रीवास्तव के साथ कार से भागे थे। शनिवार को कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने 25 हजार के इनामी बदमाश अभिषेक को अरेस्ट किया है।
कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने बीते दो जुलाई की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद विकास अपने दो खास गुर्गों प्रभात मिश्रा और अमर दुबे के साथ फरार हुआ था। तीनों देर रात लगभग 3 बजे शिवली नदी पुल के पास पहुंचे थे। तीनों ने खुद को झाड़ियों में छिपा लिया था, और विकास ने वहीं से भागने का रोडमैप तैयार किया था। इतना ही नहीं विकास, अमर और प्रभात ने पुलिस की गाड़ियों को गांव की तरफ जाते हुए देख रहे थे।
वारदात के बाद कार से भागा था
आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा शिवली नदी पुल पहुंचे थे। प्रभात ने अपने दोस्त विष्णु कश्यप को शिवली नदी पर बुलाया था। प्रभात ने विष्णु से कार का इंतजाम करने के लिए कहा था। विष्णु कश्यप ने अपने दोस्त अभिषेक श्रीवास्तव की स्विफ्ट कार मंगाई थी।
बीते 3 जुलाई सुबह लगभग 4 बजे विकास दुबे, प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, अभिषेक श्रीवास्तव के साथ कार में सवार होकर भाग गए थे। इस दौरान अमर दुबे कार चला रहा था, और विकास दुबे, प्रभात मिश्रा, अभिषेक श्रीवास्तव बैठे थे। तीनों बिकरू गांव से भाग रसूलाबाद पहुंचे थे।