सार

वर्ष 2018 के इटावा महोत्सव में हुए विज्ञान मेले में अबू ने लोकोमोटिव इंजन का मॉडल प्रदर्शित किया। हालांकि वह चला नहीं, लेकिन अबू ने हार नहीं मानी। वर्ष 2019 में उसे बिजली से चलाकर दिखाया।

इटावा (Uttar Pradesh) । कटरा शमशेर खां निवासी अबू दोनों हाथ से दिव्यांग हैं,लेकिन 13 साल का यह बच्चा, अब दिव्यांगता पर हावी है। कंधे के सहारे अकेले साइकिल चलाकर स्कूल जाता है, मोबाइल और कंप्यूटर पैरों से चलाता है। यह सब देखकर आज हर कोई उसके जज्बे को सलाम करता है। बता दें कि उसके दोनों हाथों को सात साल की उम्र में माता-पिता ने करेंट की चपेट में आने की वजह से कटवा दिया था। हालांकि उसके हाथ बचाने की काफी कोशिशें हुई थी, चिकित्सक ईलाज के दौरान पहले अंगुली, फिर कलाई के बाद लाभ न होने पर ही दोनों हाथ को कंधे से काटकर अलग किए थे।

खुद तैयार कराई साइकिल
रॉयल ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में पढ़ रहे अबू ने स्कूल जाने के लिए वर्ष 2015 में बड़े भाई जीशान को सलाह देकर अपनी साइकिल खुद तैयार कराई। हैंडल पर लगे स्टेयरिंगनुमा व्हील को सीने से कमांड कर वह साइकिल चलाता है। 

इटावा महोत्सव में दिखी था प्रतिभा
वर्ष 2018 के इटावा महोत्सव में हुए विज्ञान मेले में अबू ने लोकोमोटिव इंजन का मॉडल प्रदर्शित किया। हालांकि वह चला नहीं, लेकिन अबू ने हार नहीं मानी। वर्ष 2019 में उसे बिजली से चलाकर दिखाया।

इसलिए गंवाने पड़े थे दोनों हाथ
कटरा शमशेर खां निवासी ट्रांसपोर्टर पिता लईकउद्दीन बताते हैं मार्च 2007 को जन्मा अबू उस समय कक्षा दो में था। उसकी उम्र महज सात साल थी। सात अप्रैल 2014 को घर की बालकनी से सटकर जा रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। दोनों हाथ बेजान होकर नासूर बनने लगे। इस कारण उसे जयपुर ले जाना पड़ा। जहां ईलाज के दौरान डॉक्टरों ने पहले अंगुली, फिर कलाई में चीरा लगाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और दोनों हाथ कंधे से काटकर अलग करने पड़े।