सार

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि यूपीएटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया आतंकी मो. नदीम जैश-ए-मुहम्मद का सदस्य है। वह यूपी में कई जगह आतंकी वारदातों को अंजाम देने की तैयारी में था। उसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले सहारनपुर से यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया आंतकी मो. नदीम साल 2018 में जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य है। इस साल वह हकीमुल्ला के संपर्क में आया था। उसने ही नदीम को पाकिस्तान के आंतकी सैफुल्लाह से जोड़ा। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को बताया कि आतंकी मो. नदीम का उद्देश्य विभिन्न जगहों पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना था। वह विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ था। राज्य में कई जगह आतंकी वारदातों को अंजाम देने की तैयारी में था।

साल 2019 में सहारनपुर आया था आंतकवादी संगठन
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि नदीम ने सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाईं और उसको अपने पाकिस्तानी हैंडलर को भेजा। सैफुल्लाह ने नदीम को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कई संगठनों से जोड़ा। उसने ही सोशल मीडिया के जरिए नदीम को जिहादी लिटरेचर उपलब्ध कराया था। उन्होंने आगे कहा कि नदीम को लोन वुल्फ अटैक के लिए चाकूी से मारने की ट्रेनिंग भी दी गई। साल 2019 में वह पाकिस्तान के आंतकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर सहारनपुर आया था। इसका खुलासा सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार जैश के संदिग्ध आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक की गिरफ्तारी के बाद हुआ था। 

शहर में रुकने के अलावा लोगों से की बात
प्रशांत कुमार ने आगे बताया कि दोनों ने एटीएस की पूछताछ में बताया कि टॉप कमांडर देवबंद में रुकने के अलावा यूपी के कुछ प्रमुख शहरों में भी गया और वहां कुछ लोगों से मुलाकात भी की। यूपी एटीएस को उस समय ये आशंका थी कि राज्य में किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी को लेकर यह सारी कवायद की गई है, उस वक्त कमांडर ने मुहम्मद नदीम से भी मुलाकात की थी। नूपुर शर्मा हमले के बारे में पूछने पर एडीजी ने कहा कि नदीम ने कई टारगेट तय किए थे और उनके लिए सर्वे भी कर रहा था। नदीम के मोबाइल से एटीएस को एक पीडीएफ डॉक्यूमेंट मिला है। जिसमें एक्सप्लोसिव कोर्स फिदाई फोर्स नाम से इस डॉक्यूमेंट में बम बनाने के बारे में जानकारी दी गई है।

नदीम के मोबाइल से खुले कई राज
इतना ही नहीं यूपीएटीएस को तहरीक-ए-तालिबान और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से चैटिंग और वॉइस मैसेज भी मिले। आंतकी मोहम्मद नदीम साल 2018 से जैश-ए-मोहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों से व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, क्लब हाउस जैसे सोशल मीडिया माध्यमों से संपर्क में था। इतना ही नहीं नदीम अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकवादी स्पेशल ट्रेनिंग कैंप में भी जाने की तैयारी कर रहा था। मोहम्मद नदीम को बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की हत्या का भी टास्क जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से सौंपा गया था। 

देश के खिलाफ साजिश रच रहा था सहारनपुर का नदीम, खुफिया विभाग की बड़ी नाकामी आई सामने