सार
यूपी के जिले आगरा में दबंगों से परेशान होकर दुकानदार धरने पर बैठा है। डर की वजह से युवक ने पुलिस से शिकायत भी नहीं की है। युवक का कहना है कि विरोध करने पर मारपीट करते है। 200 से 250 रुपए ही कमा पाता है मगर दबंग उसको भी ले जाते हैं।
आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में दबंगों से परेशान युवक ईश्वर से गुहार लगा रहा है। उसने अपनी दुकान के बाहर ईश्वर से गुहार, उधार के आतंक से परेशान लिखकर वह धरने पर बैठा है। इतना ही नहीं उसने अन्न का भी त्याग कर दिया है। पीड़ित दुकानदार का कहना है कि वह दिनभर दुकान चलाकर मुश्किल से 200 से 250 रुपए कमा पाता है। मगर आसपास के कुछ दबंग छीनकर यह रुपए भी ले जाते हैं। इतना ही नहीं युवक की दुकान में घुसकर सामान भी उठा ले जाते हैं और विरोध करने पर उसके साथ जमकर मारपीट करते हैं।
अन्न त्यागने का बैनर रहा है लटक
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के शाहगंज थाना क्षेत्र का है। यहां दबंगों से परेशान ठेला दुकानदार ने ईश्वर से गुहार लगाई है। आगरा-जयपुर हाईवे के पथौली गांव के पास स्थित शहीद पेट्रोल पंप के पास का है। यहां एटा के जलेसर निवासी ज्ञान प्रकाश कुशवाहा पान-मसाले का ठेला लगाते हैं। मंलगवार को वह दुकान के बाहर ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने दुकान के बाहर अन्न त्यागने का बैनर लटका दिया। लोगों ने देखा तो वहां भीड़ जमा हो गई। ठेले वाला धरने पर बैठा है और यह बात पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी है।
पान-मसाले का ठेला लगाता है युवक
इस इलाके के वायु विहार में परिवार के साथ रहता है। परिवार का भरण पोषण करने के लिए हाईवे किनारे पान-मसाले की ठेला लगाता है। ऐसा बताया जा रहा है कि आसपास के कुछ दबंग लोग आए दिन उसकी दुकान में घुसकर जबरदस्ती गुल्लक से रुपये निकाल ले जाते हैं। उधार के नाम पर मनमाना सामान उठा ले जाते हैं। युवक कहते है कि रुपये मांगने पर मारने पीटने की धमकी देते हैं और कहते हैं कि यहां ठेला लगाना है तो शांत रहो नहीं तो ठेला लेकर दूसरी जगह जाओ।
डर की वजह से दबंगों से नहीं की शिकायत
दुकानदार का कहना है कि दबंगों की दबंगई के चलते दुकान में ग्राहकों का आना कम हो गया है। बिक्री नहीं होने से घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है। युवक इतना परेशान है कि उसको अन्न-नमक त्यागना पड़ा। दबंगों के डर की वजह से पुलिस से भी शिकायत नहीं की लेकिन अब जीना मुश्किल हो गया है। जब तक उधार के पैसे नहीं मिल जाते तब तक खाना नहीं खाएंगे। इसके लिए चाहे मुझे अपना जीवन ही क्यों न त्यागना पड़े। इस पूरे मामले को लेकर थानाध्यक्ष का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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