सार

अखिलेश यादव ने करहल से चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद विधायक पद की शपथ से पहले लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। उनके इस्तीफे के बाद अखिलेश यादव करहल से ही विधायक बने रहेंगे।  

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद अब वह करहल (Karhal) से ही विधायक बने रहेंगे। अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव 2022 (UP Chunav 2022) में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और करहल से जीत भी हासिल की थी। जिसके बाद अब उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह करहल से विधायक बने रहेंगे। 

गौरतलब है कि अखिलेश यादव के करहल से चुनाव जीतने के बाद से लगातार सवाल खड़े हो रहे थे कि वह सांसद बने रहेंगे या विधायक। जिसके बाद अखिलेश यादव ने विधायक बने रहने का फैसला किया है। उन्होंने मंगलवार को संसद पहुंचकर लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव ने यह फैसला पिता और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कहने पर लिया है। हालांकि इस इस्तीफे के पीछे के कई मायने हैं। 

प्रदेश की राजनीति में रहना है सक्रिय
अखिलेश के लोकसभा सदस्य पद से इस्तीफे का कारण माना जा रहा है कि वह प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं। यूपी चुनाव 2022 में जिस तरह से पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है उसके बाद अब अखिलेश का पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश पर है। वह अभी से ही लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। उनकी नजर यूपी की 80 सीटों पर टिकी हुई है। 

सीएम योगी को सीधे जवाब देंगे अखिलेश 
अखिलेश यादव के करहल से विधायक रहने के चलते वह विधानसभा में पार्टी का पक्ष और जनता के मुद्दे उठाते हुए नजर आएंगे। विपक्ष के तौर पर अखिलेश सीधे बीजेपी से सवाल करेंगे और खुद को जनता का हितैषी साबित करने का प्रयास करते हुए दिखाई देंगे। 

नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं अखिलेश 
यूपी चुनाव परिणाम सामने आने के बाद माना जा रहा था कि शिवपाल यादव नेता प्रतिपक्ष होंगे। हालांकि अब यह तय माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ही नेता प्रतिपक्ष होंगे। 

सक्रिय रहकर पार्टी को करेंगे मजबूत 
अखिलेश यादव अब उत्तर प्रदेश में ही रहकर पार्टी को मजबूत करेंगे। पहले लोकसभा का सदस्य होने के चलते वह काफी समय दिल्ली में ही व्यस्त रहते थे। हालांकि अब वह अपना पूरा समय पार्टी और उत्तर प्रदेश की जनता को ही देंगे। 

नहीं तोड़ना चाहते हैं प्रेम पूर्ण विश्वास 
अखिलेश के विधायक बने रहने के पीछे की एक वजह यह भी है कि वह करहल की जनता का विश्वास नहीं तोड़ना चाहते हैं। जनता ने उनकी बातों पर ही विश्वास कर सांसद होने के बावजूद उन्हें विधानसभा चुनाव में जीत दिलाई। ऐसे में अगर अखिलेश विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो यह सपा के गढ़ में जनता के साथ विश्वासघात होगा। 
 

लोकसभा की सदस्यता से अखिलेश यादव ने दिया इस्तीफा, सड़क से लेकर सदन तक होंगे बीजेपी के सामने

मदरसों से इसलिए कम हो रही मुस्लिम बच्चों की दिलचस्पी, जिम्मेदार बताते हैं कई कारण

मायावती बोलीं- BJP से मिले हैं मुलायम सिंह, इस काम के लिए कभी भी अखिलेश को माफ नहीं करेंगे अम्बेडकरवादी