सार
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए उनसे सवाल किया कि अखिलेश जी को अगर लैपटॉप चलाना आता है तो डिजिटल कैम्पेन से क्यों पीछे भाग रहे हैं? क्यों हार का डर सता रहा है?
लखनऊ: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag thakur) ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) पर रविवार को जोरदार सियासी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव डिजिटल चुनाव (degital election campaign) कैम्पेन पर भी ठीकरा फोड़ रहे हैं जैसे पहले ईवीएम पर फोड़ते थे। अखिलेश जी को अगर लैपटॉप चलाना आता है तो डिजिटल कैम्पेन से क्यों पीछे भाग रहे हैं? क्यों हार का डर सता रहा है? केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर इत्र कारोबारियों के साथ अखिलेश यादव की वायरल हो रही फोटों का जिक्र करते हुए यह सवाल भी किया कि कि इत्र वाले का मित्र कौन है? जब इत्र वाले के घर छापा पड़ा तो दर्द किसे हुआ। फिर यह कहा कि ये इत्र की नहीं आपके भ्रष्टाचार की बदबू है।
मार्च के बाद तक जारी रहेगी यूपी में दंगाइयों- अनुराग ठाकुर
एक इंटरव्यू के दौरान केंद्रीय मंत्री और यूपी में चुनाव अभियान के सह प्रभारी अनुराग ठाकुर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को अपने निशाने पर रखा। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने अखिलेश के दावों को हवा हवाई बताया। फिर उन्होंने कहा कि हम सीना ठोक कर कहते हैं कि यूपी में दंगाइयों, माफियाओं के खिलाफ जो कार्रवाई चल रही है, वो मार्च में जब फिर से हमारी सरकार बनेगी तब भी जारी रहेगी। केंद्रीय मंत्री ने अखिलेश यादव द्वारा बिजली को लेकर दिए गए बयान का जिक्र किया और कहा कि अखिलेश जी कह रहे हैं कि वो बिजली का बिल माफ करेंगे, अरे उनके जमाने में तो बिजली ही नहीं आती थी, तो अब बिजली फ्री कैसे करेंगे?
'डिजिटल चुनाव कैम्पेन पर भी ठीकरा फोड़ रहे अखिलेश'
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इत्र कारोबारियों के यहाँ पड़े आयकर छापों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होने सवाल किया कि जब इत्र वाले के घर छापा पड़ा तो दर्द किसे हुआ। जब इत्र वाले पर इनकम टैक्स ने छापा मारा तब अखिलेश जी ने इत्र वाले का साथ दिया, इनकन टैक्स वालों का साथ नहीं दिया। अब डिजिटल चुनाव कैम्पेन पर भी ठीकरा फोड़ रहे हैं जैसे पहले ईवीएम पर फोड़ते थे। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक़ वास्तव में अखिलेश जी को हार का डर सता रहा है, इसीलिए डिजिटल कैम्पेन पर दोष मढ़ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि ये हार का डर उस लाल रंग का सता रहा है जो कई लोगों के खून से जुड़ा हुआ है, ये डर गरीबों की जमीन कब्जाने का है। जो गरीब की रोटी छीनने का, उसकी जमीन छीनने का है। अखिलेश सरकार में गुंडाराज, माफिया राज को संरक्षण देने का काम होता था, ये डर आज भी उनके जेहन में है। जब भृष्टाचार का पैसा पकड़ा जाता है ,उसपर कोई साफ टिप्पणी अखिलेश जी नही कर पाते हैं। कोई और राजनीतिक दल कुछ नही कहता, लेकिन अखिलेश यादव जी को दर्द होता है। जबकि हमने जब आवास दिए तो कभी नहीं पूछा कि उसका धर्म क्या है, जब राशन दिया तब भी नहीं पूछा कि उसकी जाति क्या है, जब शौचालय दिए तो भी उसका धर्म नहीं पूछा।