सार
असदुद्दीन ओवैसी यूपी के बारांबकी में एक चुनावा सभा में पहुंचे हुए थे। जहां से उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। औवेसी ने कहा जिस तरह से कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। ठीक उसी तरह एनपीआर, एनआरसी कानून को रद्द कीजिए। नहीं तो हम सड़कों पर उतरेंगे और एक और शाहीन बाग सामने आएगा।
लखनऊ (उत्तर प्रदेश). यूपी विधानसभा चुनाव (up election 2022) को लेकर एआईएमआईएम पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi AIMIM chief) लगातार उत्तर प्रदेश में रैलियां करने में लगे हुए हैं। इसी बीच ओवैसी ने बारांबकी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कृषि कानूनों की तरह सीएए और एनआरसी को खत्म नहीं किया गया तो हम एक और नया शाहीनबाग खड़ा कर देंगे।
एक और शाहीन बाग सामने आएगा
दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी रविवार को बारांबकी में एक चुनावा सभा में पहुंचे हुए थे। जहां से उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। औवेसी ने कहा जिस तरह से केंद्र सरकार ने तीन दिन पहले तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। ठीक उसी तरह एनपीआर, एनआरसी कानून को रद्द कीजिए। नहीं तो हम सड़कों पर उतरेंगे और एक और शाहीन बाग सामने आएगा। हर तरफ सड़कों पर विरोध करने वाली जनता ही दिखाई देगी।
पीएम मोदी पर ओवैसी का जमकर हमला
ओवैसी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे बड़े नौटंकीबाज’ हैं, वह गलती से राजनीति में आ गए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री को लेकर कहा, ”हाय @narendramodi जी, क्या एक्टिंग करते हो आप! मोदी ग़लती से राजनीति में आ गए और बॉलीवुड एक्टर्स बच गए, अगर वो बॉलीवुड में होते, तो बेस्ट एक्टर के सारे पुरस्कार उन्हें ही मिलते।
राकेश टिकैत ने ओवैसी को बताया भाजपा का भतीजा
वहीं मीडिया ने जब किसान नेता राकेश टिकैत से ओवौसी के पीएम मोदी को हमले को लेकर और सीएए और एनआरसी वापसी की मांग पर सवाल किया तो टिकैत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और ओवैसी चाचा-भतीजे की तरह हैं। अगर भीतजा मांग करे तो चाचा उसको पूरा करेगा ही। हालांकि उन्होंने ओवैसी की मांगा का साथ नहीं दिया।
जब महिलाओं ने शाहीन बाग में डाला था डेरा
बता दें कि राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में मोदी सरकार का जमकर विरोध हुआ था। जहां विरोध करने के लिए शाहीन बाग में सैंकड़ों महिलाओं ने लंबे समय तक डेरा डालकर आंदोलन किया था। वह धरने स्थल से हटने को तैयार नहीं थीं। लेकिन दिल्ली पुलिस ने कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में इन महिलाओं को वहां से हटा दिया था।