सार

आपको बता दें कि स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आज़म हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं। इस बार वह हमजा मियां से मुकाबला करेंगे। हमजा मियां का यह पहला चुनाव है। हमजा मियां ने विदेश में रहकर पढ़ाई की है तो अब्दुल्ला आज़म भी एमबीए पास हैं। हालांकि पढ़ाई और पैदाइश से जुड़े फर्जी दस्तावेजों के मामले में वह आरोपी हैं। रामपुर के दो दिग्गज सियासी खानदानों ने इस चुनाव को नाक का सवाल बना लिया है। इस सीट पर दूसरे चरण में आगामी 10 फरवरी को मतदान होगा। तब तक अगर आजम खान को जमानत नहीं मिली तो वह जेल से ही चुनाव लड़कर नवाब नवेद मियां का मुकाबला करेंगे।
 

दिव्या गौरव
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में रामपुर विधानसभा सीट (Rampur Assembly Seat)में इस बार काफी घमासान युद्ध देखने को मिलेगा। इस बार के चुनाव में रामपुर से दो सियासी खानदानों के बीच जंग छिड़ी है। चुनावी दंगल में कई वीआईपी सीटों के बीच लोगों की निगाहें रामपुर जिले पर भी टिकी हैं। इस जिले में एक बार फिर सपा की ओर से पिता-पुत्र ने दो अलग अलग सीटों पर ताल ठोंक दी है। वहीं, विरोधी खेमों से भी रामपुर के नवाब खानदान ने इन्हें चुनौती देने के लिये बाप-बेटे को ही चुनाव के अखाड़े में उतार दिया है।

समाजवादी पार्टी ने आजम खान को रामपुर शहर सीट से उम्मीदवार बनाया है, जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर जिले की स्वार टांडा सीट से प्रत्याशी हैं। आजम खान को रामपुर में कांग्रेस के टिकट पर नवाब खानदान के वारिस काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां चुनौती दे रहे हैं। वहीं, आजम के बेटे अब्दुल्ला को नवेद मियां के बेटे हैदर अली खान के साथ चुनावी अखाड़े में दो दो-हाथ करने होंगे। हालांकि हैदर को भगवा खेमे से टिकट मिला है। वह भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के उम्मीदवार हैं।

पिछले चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने स्वार सीट पर हैदर के पिता नवेद मियां को हराया था। इस बार नवेद मियां रामपुर सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी आज़म ख़ान रामपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं और पिछले करीब दो साल से वह जेल में बंद हैं। आजम खान रामपुर शहर सीट से 9 बार विधायक और 4 बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल रामपुर शहर सीट से उनकी पत्नी तजीन फातिमा विधायक हैं।

नवेद मियां का भी सियासी तजुर्बा कम नहीं
पूर्व मंत्री नवेद मियां स्वार सीट से तीन बार और बिलासपुर सीट से एक बार विधायक रह चुके हैं। रामपुर शहर सीट से पहली बार किस्मत आजमा रहे नवेद मियां भी सियासी तजुर्बे में कम नहीं हैं। नवेद मियां के दिवंगत पिता जुल्फिकार अली ख़ान उर्फ मिक्की मियां रामपुर से कांग्रेस के 5 बार सांसद रहे हैं, वहीं नवेद मियां की मां बेगम नूर बानो इस सीट से कांग्रेस की दो बार सांसद रह चुकी हैं।

... तो जेल से ही चुनाव लड़ेंगे आजम खान
आपको बता दें कि स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आज़म हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं। इस बार वह हमजा मियां से मुकाबला करेंगे। हमजा मियां का यह पहला चुनाव है। हमजा मियां ने विदेश में रहकर पढ़ाई की है तो अब्दुल्ला आज़म भी एमबीए पास हैं। हालांकि पढ़ाई और पैदाइश से जुड़े फर्जी दस्तावेजों के मामले में वह आरोपी हैं। रामपुर के दो दिग्गज सियासी खानदानों ने इस चुनाव को नाक का सवाल बना लिया है। इस सीट पर दूसरे चरण में आगामी 10 फरवरी को मतदान होगा। तब तक अगर आजम खान को जमानत नहीं मिली तो वह जेल से ही चुनाव लड़कर नवाब नवेद मियां का मुकाबला करेंगे।


पूर्व मंत्री नवेद मियां स्वार सीट से तीन बार और बिलासपुर सीट से एक बार विधायक रह चुके हैं। रामपुर शहर सीट से पहली बार किस्मत आजमा रहे नवेद मियां भी सियासी तजुर्बे में कम नहीं हैं। नवेद मियां के दिवंगत पिता जुल्फिकार अली ख़ान उर्फ मिक्की मियां रामपुर से कांग्रेस के 5 बार सांसद रहे हैं, वहीं नवेद मियां की मां बेगम नूर बानो इस सीट से कांग्रेस की दो बार सांसद रह चुकी हैं।

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