सार
यूपी की रामनगरी अयोध्या में राममंदिर के गर्भगृह, प्लिंथ व रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने परिसर में हो रहे निर्माण कार्य की तस्वीर गुरुवार को सोशल मीडिया पर जारी मंदिर निर्माण की प्रगति से रामभक्तों को अवगत कराया।
अयोध्या: उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। राममंदिर के गर्भगृह, प्लिंथ व रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गुरुवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने परिसर में हो रहे निर्माण कार्य की तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी मंदिर निर्माण की प्रगति से रामभक्तों को अवगत कराया। गर्भगृह में अब तक 210 पत्थर बिछाए जा चुके हैं और परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वहीं प्लिंथ का काम अगस्त के मध्य या अंत तक पूरा हो जाएगा।
20 अगस्त तक पूरा हो जाएगा प्लिंथ का काम
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य तीन चौथाई पूरा हो चुका है और अब केवल 4600 पत्थर लगने शेष बचे है। प्लिंथ में कुल 17 हजार ग्रेनाइट के पत्थर लगने हैं और अब तक 12 हजार से अधिक पत्थर लग चुके हैं। उन्होंने गर्भगृह निर्माण की प्रगति बताते हुए कहा कि गर्भगृह की महापीठ के परिक्रमा पथ का निर्माण पूरा कर लिया गया है और महापीठ वह स्थल है, जहां भगवान रामलला विराजेंगे। गर्भगृह में अब तक 210 पत्थर बिछाए जा चुके हैं और प्लिंथ का काम 20 अगस्त तक पूरा हो जाएगा।
मंदिर परिसर में तैयार होगा यात्री सुविधा केंद्र
डॉ. अनिल मिश्र ने आगे कहा कि महापीठ के चारों तरफ एक गलियारा बनाया जा रहा है, जो महापीठ का परिक्रमा पथ है। जहां से भगवान के गर्भगृह की परिक्रमा की जा सकेगी। वहीं मंदिर की परिक्रमा के लिए एक विशाल परिक्रमा पथ अलग से प्रस्तावित है। यह करीब 20 फीट चौड़े परिक्रमा पथ में एक साथ पांच हजार भक्त परिक्रमा कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए 12 मीटर गहरी रिटेनिंग वॉल का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब तक सात मीटर दीवार बनकर तैयार है। उन्होंने आगे बताया कि जन्मभूमि परिसर में यात्री सुविधा केंद्र के लिए शीघ्र ही विकास प्राधिकरण में नक्शा पास कराने के लिए भेजा जाएगा। इसकी डिजाइन को तैयार करने के लिए इंजीनियर जुटे हैं।
राममंदिर में बढ़ सकती है पुजारियों की संख्या
इतना ही नहीं राममंदिर बन जाने के बाद पुजारियों की संख्या भी बढ़ेगी। अभी सिर्फ पांच पुजारी कार्यरत है। राममंदिर परिसर में मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के अलावा चार सहायक पुजारी दो शिफ्ट में रामलला की सेवा कर रहे हैं। सभी का वेतन बी ट्रस्ट ने निश्चित कर रखा है। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले किछ दिनों में हुई बैठक में राममंदिर में पुजारियों की संख्या को लेकर भी चर्चा हुई है क्योंकि परिसर माता सीता, भगवान गणेश, ऋषि वाल्मीकि सहित सात मंदिर बनने हैं। ऐसे में इनकी सेवा के लिए पुजारियों की भी नियुक्ति की जाएगी। पर ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने कहा कि अभी पुजारियों की संख्या बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है, यह भविष्य की बात है।