सार
अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह और पूर्व सांसद विनय कटियार ने कहा था कि अयोध्या सब की है और दर्शन करने का अधिकार सबको है। अब दूसरी तरफ अयोध्या के संत- महंत भी दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के चीफ राज ठाकरे के समर्थन और विरोध में लामबंदी शुरू हो गई है। कुछ दिन पहले अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह और पूर्व सांसद विनय कटियार ने कहा था कि अयोध्या सब की है और दर्शन करने का अधिकार सबको है। अब दूसरी तरफ अयोध्या के संत- महंत भी दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं। राज ठाकरे के समर्थन और विरोध में संतों की लामबंदी शुरू हो गई है। कुछ संत कैसरगंज के सांसद बृज भूषण शरण सिंह के विरोध से इत्तेफाक रखते हैं। तो कुछ कह रहे हैं कि दर्शन पर भी अब राजनीति की जा रही है।
केजरीवाल का भी होना चाहिए था विरोध
प्रतिष्ठित मंदिर बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास ने कहा अयोध्या में दर्शन करने से रोकना न्याय संगत नहीं है ।उन्होंने कहा उत्तर भारतीयों का विरोध तो पूरे ठाकरे परिवार ने बहुत पहले ही किया था। तो उस समय विरोध क्यों नहीं किया गया ? उन्होंने दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्होंने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया था। शाहिनबाग में उन्होंने सहयोग करके सनातन धर्म को ठेस पहुंचाने का काम किया था। यही नहीं कोरोना काल में यूपी और बिहार के लोगों को दिल्ली से भगा दिया था। फिर भी अयोध्या की धरती पर आए भगवान का दर्शन करके गए। उन्होंने कहा अयोध्या सब की है।
गोली चलाने वालों का भी किया था सम्मान
महंत अवधेश दास ने कहा भगवान के दर्शन में किसी को बाधा नहीं डालना चाहिए चाहे वह कोई भी राजनीतिक दल के लोग हो। उन्होंने कहा अयोध्या आने से किसी को रोकना यह अयोध्या की गरिमा के अनुरूप नहीं है। इसी अयोध्या की धरती पर सनातन धर्मियों के ऊपर गोली चलाई गई और जिस व्यक्ति ने गोली चलवाई अयोध्या की धरती पर लोगों ने उसका भी सम्मान किया। किसी ने विरोध नहीं किया तो आज राज ठाकरे का विरोध क्यों? लगता है दाल में नमक काला है।
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