सार

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। करीब 30 साल पहले राम मंदिर का मॉडल पेश करने वाले आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा की मानें तो यह मंदिर दुनिया के सबसे भव्य मंदिरों में से एक होगा। यही नहीं, दुनिया का यह पहला मंदिर होगा जो दो मंजिला होगा।

अयोध्या (Uttar Pradesh). सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। करीब 30 साल पहले राम मंदिर का मॉडल पेश करने वाले आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा की मानें तो यह मंदिर दुनिया के सबसे भव्य मंदिरों में से एक होगा। यही नहीं, दुनिया का यह पहला मंदिर होगा जो दो मंजिला होगा।

कुछ ऐसा होगा रामलला का भव्य मंदिर

- चंद्रकांत द्वारा तैयार किए गए मॉडल को अयोध्या के कार्यसेवकपुरम में रखा गया है। बताया जा रहा है कि इसी मॉडल के अनुरूप ही प्रस्तावित राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। चंद्रकांत कहते हैं, यह 212 पिलर वाला दो मंजिला मंदिर होगा। 

- गर्भगृह सोमनाथ मंदिर से भी बड़ा होगा, जिसमें प्रभुराम विराजमान होंगे। ऊपरी मंजिल पर राम दरबार होगा। 

- मंदिर की कुल लंबाई 270 फीट, चौड़ाई 140 फीट, उंचाई 128 फीट होगी। इसका आकार 2.75 लाख घन मीटर होगा। 

- इसे बनाने के लिए स्टील का नहीं, बल्कि पारंपरिक विधि का इस्तेमाल होगा। 

- 330 बीम होगी, 106 खंभे नीचे और 106 खंभे ऊपरी मंजिल पर लगेंगे। पांच प्रवेशद्वार सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष, और गर्भगृह होंगे। 

- कुल 24 दरवाजे लगेंगे, जिनकी चौखटें संगमरमर से बनी होगी। 

- मंदिर का मुख्य गेट मकराना के सफेद संगमरमर से बनेगा। 

- मंदिर के जिस कक्ष में राम लला विराजमान होंगे, उस गर्भगृह से ठीक उपर 16 फीट 3 इंच का प्रकोष्ठ होगा। इसी प्रकोष्ठ पर 65 फीट 3 इंच उंचा शिखर बनाया जाएगा। 

- करीब सवा दो लाख घन फुट लाल पत्थरों से मंदिर बनेगा। जिसे बनाने में करीब 3 साल लगेंगे। 

- नागर और द्रविड़ शैली का प्रभाव यहां देखने को मिलेगा। बता दें, नागर शैली उत्तर भारत के मंदिर निर्माण में इस्तेमाल हुई है। वहीं, दक्षिण भारत में द्रविड़ शैली में मंदिरों का निर्माण किया गया है। 

कौन हैं राम मंदिर का मॉडल बनाने वाले चंद्रकांत
अहमदाबाद के चंद्रकांत भाई के दादा प्रभशंकर सोमपुरा गुजरात के फैमस सोमनाथ मंदिर के आर्किटेक्ट थे। यही नहीं, इनके ​पिता ने उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर के मरम्मत का कार्य किया था।