सार
सीतापुर जेल में बंद सांसद आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को जान का खतरा है। आजम के वकील खलील उल्लाह खान ने यह तर्क देते हुए रामपुर कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उन्होंने आजम और उनके परिवार को सीतापुर जेल में शिफ्ट किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा- हाल ही में सीतापुर जेल भेजे गए कुछ अभियुक्तों की संदिग्ध हालत में मौत हुई। कोर्ट की परमिशन के बिना रामपुर जेल प्रशासन ने तीनों नेताओं को सीतापुर जेल ट्रांसफर कर दिया। इस अर्जी का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने रामपुर जेल अधीक्षक को तलब किया है।
रामपुर (Uttar Pradesh). सीतापुर जेल में बंद सांसद आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को जान का खतरा है। आजम के वकील खलील उल्लाह खान ने यह तर्क देते हुए रामपुर कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उन्होंने आजम और उनके परिवार को सीतापुर जेल में शिफ्ट किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा- हाल ही में सीतापुर जेल भेजे गए कुछ अभियुक्तों की संदिग्ध हालत में मौत हुई। कोर्ट की परमिशन के बिना रामपुर जेल प्रशासन ने तीनों नेताओं को सीतापुर जेल ट्रांसफर कर दिया। इस अर्जी का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने रामपुर जेल अधीक्षक को तलब किया है।
आजम की तबीयत का दिया गया हवाला
आजम के वकील ने कहा- आजम 72 साल के हो चुके हैं, उन्हें कई बीमारियां हैं। जबकि, तंजीन के कई ऑपरेशन हो चुके हैं। दोनों को बेहतर इलाज की जरूरत है। सीतापुर जेल में इलाज की पूरी व्यवस्था नहीं है। किसी को बिना बताए तीनों नेताओं को सीतापुर शिफ्ट करना एक राजनीतिक षडयंत्र हो सकता है।
आजम के खिलाफ दर्ज हैं करीब 80 से ज्यादा केस
संपत्ति की कुर्की के आदेश के बाद आजम ने बुधवार को पत्नी और बेटे के साथ कोर्ट में सरेंडर किया था। साथ ही आजम ने एडीजे 6 की कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे अपर जिला जज धीरेंद्र कुमार ने खारिज करते हुए तीनों को जेल भेज दिया। एक रात रामपुर जेल में रखने के बाद आजम को पत्नी और बेटे के साथ सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। बता दें, यूपी में योगी सरकार बनने के बाद से आजम के खिलाफ करीब 80 से ज्यादा केस दर्ज किए गए। जिसमें बकरी चोरी से लेकर बिजली चोरी तक के आरोप लगे हैं।
पहले ही रद्द हो चुकी है अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता
अब्दुल्ला आजम के जन्म के 2 प्रमाणपत्र होने के मामले में बीजेपी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने 3 जनवरी, 2019 को आजम, उनकी पत्नी फात्मा और अब्दुल्ला के खिलाफ गंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव में नामांकन के समय अब्दुल्ला की आयु 25 साल नहीं थी। उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा। आरोप सही पाए जाने पर स्वार सीट से अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। जिसकी अप्रैल 2019 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी।