सार

यूपी के जिले बदायूं में 9 पिल्लों की मौत का मामला सामने आया है। गांव में एक महिला पर 9 पिल्लों को तालाब में फेंककर मारने का आरोप लगा है। महिला के खिलाफ शिकायत करने के साथ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 

बदायूं: उत्तर प्रदेश के जिले बदायूं में चूहे की मौत के बाद अब नौ पिल्लों की मौत का मामला सामने आया है। एक महिला ने पड़ोसी से नाराज होकर सभी को तालाब में फेंक दिया, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। पांच पिल्लों के शवों को तालाब से निकाल लिया गया है लेकिन बाकी की तलाश जारी है। पिल्लों की मौत को लेकर पड़ोसी का कहना है कि उसका आरोपी महिला से झगड़ा हुआ था और उसी के बाद उसने यह कदम उठाया है। पिल्लों का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें उनकी मौत का कारण दम घुटना और फेफड़ों में पानी भर जाना आया है।

घर से 150 मीटर दूर तालाब में पिल्लों को दिया फेंक
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के बिसौली कोतवाली क्षेत्र के बसई गांव का है। पिल्लों की मौत की सूचना मिलते ही पशु प्रेमी विभु शर्ना ने महिला और उसके पति के खिलाफ पशु क्रूरता में मुकदमा दर्ज करवाया है। पड़ोसी महेश का कहना है कि विवाद बढ़ जाने की वजह से वह मौके से चला गया लेकिन जब वह कुछ देर बाद वापस आया तो उसको पिल्ले नहीं दिखे। उसने आरोपी महिला अनीता से पूछा तो वह कुछ नहीं बोली। इस पर शक हुआ तो वह घर से 150 मीटर दूर तालाब के पास गया, जिसे देखकर गांव के लोग भी मौके पर आ गए। उसके बाद गांव के गोताखोर को तालाब में उतारा और उन्होंने एक-एक करके पांच पिल्लों के शवों को बाहर निकाला।

पिल्लों से दिक्कत होने पर वहां से हटा देती महिला
महेश का कहना है कि गांव में ही किसी ने पुलिस को इसके बारे में सूचना दी और इसके साथ ही पशु प्रेमी विभु को भी मौके पर बुलाया गया। विभु के पहुंचते ही उसकी महिला से भी लड़ाई हो गई तो उसने केस दर्ज करवाने की बात कही। विभु का कहना है कि पता नहीं लोगों को क्या होता जा रहा है। लोग यह क्यों नहीं समझते है कि जानवरों की भी जान होती है और उनकी भी भावनाएं होती हैं। वह आगे कहते है कि अगर महिला को पिल्लों से इतनी ही दिक्कत थी तो वह उनको हटा देती पर ऐसे मारना नहीं चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि इनके खिलाफ केस लड़ूगा और पूरी कोशिश करूंगा कि इन लोगों को सजा भी मिले। इनकी किसी भी धमकी से डरने वाला नहीं हूं।

महिला के खिलाफ केस दर्ज होने पर नहीं पड़ा कोई असर
दूसरी ओर आरोपी महिला का कहना है कि पिल्लों को उसके आठ साल के बेटे ने तालाब में फेंका है। इस बात को उसको बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। जब गांव वालों ने शोर मचाना शुरू किया तो उसको इस घटना के बारे में पता चला। महिला पर केस दर्ज होने को लेकर कहती है कि बहुत से लोग पिल्लों को ऐसे ही मार देते हैं। मुझे इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। जिसको जहां शिकायत करनी है, वह कर सकता है। फिलहाल पुलिस ने सभी पिल्लों को गांव में ही दफना दिया है।

पिल्लों को नहीं हटाने पर पॉलीथिन में फेंकने की थी योजना
वहीं अनीता के पड़ोसी महेश ने बताया कि उसका और अनीता का घर अगल-बगल है। महेश के घर के बाहर डॉगी बैठी रहती थी। उसको रोटी या फिर कुछ खाने के लिए देता रहता था। बुधवार देर रात उसने 9 पिल्लों को जन्म दिया था। गुरुवार सुबह जब मैं घर के बाहर आया तो अनीता पिल्लों को हटाने के लिए बोलने लगी। वह कहती है कि इन पिल्लों को या तो घर में रखो या फिर कहीं और रखो लेकिन यहां से हटाओ। इसी बात को लेकर महेश और अनीता का विवाद हो गया। महिला ने महेश से कहा था कि अगर तुम इनको नहीं हटाओगे, तो मैं इनको पॉलीथिन में भरकर तालाब में फेंक दूंगी।

चार्जशीट फाइल कर होगी जांच, दोषियों को नहीं जाएगा छोड़ा
इस पूरे प्रकरण को लेकर एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि पिल्लों की मौत पर केस दर्ज हो चुका है। उसके बाद आरोपियों को नोटिस दे दिए गए हैं। इस मामले में जांच चलेगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ पुलिस चार्जशीट फाइल करेगी। उन्होंने आगे कहा कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। बता दें कि भारत में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस ऐक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। 

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