सार
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी भारतीय जनता पार्टी ने एक बार पुनः इतिहास दोहराते हुए आठों विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। वाराणसी की आठ विधानसभा सीटों पर BHU के फूलों का कब्जा है।
अनुज तिवारी
वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhansabha Chunav) में भारतीय जनता पार्टी ने विजय हासिल करते हुए 1985 के बाद पहली बार सत्ता में एक ऐसा दल बनकर उभरी है जो लगातार दूसरी जीत दर्ज की। इसके साथ ही इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कई इतिहास बनाए है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी भारतीय जनता पार्टी ने एक बार पुनः इतिहास दोहराते हुए आठों विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है।
महामना की बगिया के फूल बने विधायक
वाराणसी के आठ विधानसभा सीटों में विजय हासिल करने के साथ एक और नया इतिहास निकलकर सामने आया है। वाराणसी में सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भले ही अब छात्र राजनीति और छात्र संघ चुनाव नहीं हो रहे लेकिन यहां के पढ़ने वाले विद्यार्थी राजनीति में अपनी पहचान बना रहे हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में बनारस के आठ विधानसभा क्षेत्र में विजय प्रत्याशियों के लिस्ट में तीन विधायक ऐसे भी बने हैं। जो महामना की बगिया से ही पढ़ाई लिखाई पूरी किए हैं।
ये हैं उन विधायकों की लिस्ट
1. वाराणसी के पिंडरा विधानसभा से जीत दर्ज करने वाले अवधेश कुमार सिंह ने BHU से 1983 में एमए एवं PhD की मानद उपाधि हासिल की है।
2. अजगरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले त्रिभुवन राम ने 1971 में बीएचयू आईआईटी से ग्रेजुएशन किया था ।
3. कैंट विधानसभा से बीजेपी के प्रत्याशी सौरभ श्रीवास्तव ने जीत दर्ज की है वह BHU से बीकॉम की पढ़ाई की है।
क्या है जीत का मायने
वाराणसी की 8 विधानसभा सीटों पर लोगों की नाराज़गी विधायक के प्रति देखने को मिली। लेकिन एक बार पुनः 2017 की तरह मोदी मैजिक बनारस में देखने को मिला जिस तरह से चुनाव के अंतिम समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर चुनावी रैली और बैठक की है। पूरे चुनाव का रूप वही से बदलना शुरू हो गया। यही वजह है कि बनारस के आठों विधानसभा सीटों पर मोदी और योगी के चेहरे पर लोगों ने अपना मताधिकार प्रयोग किया और भारतीय जनता पार्टी 8 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है।