सार
किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत को बीकेयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इतना ही नहीं उनके भाई नरेश टिकैत से भी अध्यक्ष पद छीन लिया गया है।
लखनऊ: 2022 के यूपी चुनाव में राकेश टिकैत ने बीजेपी का जमकर विरोध किया था। इतना ही नहीं जिस राज्य में चुनाव थे, वहां राकेश टिकैत नें बीजेपी का विरोध किया था। लेकिन यूपी चुनाव में उनका विरोध धरा का धरा रह गया और भाजपा ने इतिहास रचते हुए दूसरी बार सरकार बना ली। अब राकेश टिकैत के साथ उनके भाई के लिए भी एक बुरी खबर सामने आई है। बीकेयू ने दोनो को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
राकेश और उनके भाई नरेश को लेकर बीकेयू ने लिया एक्शन
भारतीय किसान यूनियन से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। यहां किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत को बीकेयू से बाहर निकाल दिया गया है। वहीं उनके भाई नरेश टिकैत को भी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह राजेश चौहान को अध्यक्ष बनाया गया है। टिकैत परिवार के खिलाफ किसानों में उभरी नाराज़गी के बाद भारतीय किसान यूनियन में दरार पड़ने के संकेत हैं। बताया जा रही है कि बीकेयू के कई सदस्य संगठन के लोग राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की हरकतों से नाराज़ है और कई किसान नेताओं का आरोप है कि राकेश टिकैत ने अपने राजनीतिक बयानों से उनके अराजनीतिक संगठन को सियासी शक्ल दे दी है।
बीकेयू की बैठक में लिया गया फैसला
दरअसल भाकियू के संस्थापक दिवंगत चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के मौके पर रविवार 15 मई को लखनऊ स्थित गन्ना किसान संस्थान में बीकेयू नेताओं की बड़ी बैठक हुई। बीकेयू नेताओं की नाराजगी की खबर मिल पर राकेश टिकैत भी शुक्रवार रात उन्हें मनाने के लिए लखनऊ पहुंचे थे। हालांकि वे अपनी इस कवायद में सफल नहीं हो पाए। जिसके बाद राकेश टिकैत वापस मुजफ्फरनगर लौट गए हैं।
कृषि कानून वापसी को लेकर लाइमलाइट में आए राकेश टिकैत
मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून आने के बाद से राकेश टिकैत सामने और तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग उठाई और धरना प्रदर्शन भी किया. इतनवी हा नहं उन्होंने चुनाव में ये तक अपील की कि लोग बीजेपी को वोट ना दें, लेकिन 2022 के यूपी चुनाव में उनका दांव उल्टा पड़ गया और बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ यूपी के अंदर दूसरी बार बार सत्ता पर काबिज हो गई।