सार
बता दें, मायावती ने जेजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था- बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, सीट बंटवारे में जेजेपी का रवैया ठीक नहीं।
लखनऊ. बसपा होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों में अकेले ही मैदान में उतरेगी। पार्टी प्रदेश की सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, हरियाणा में पार्टी कांग्रेस या किसी और पार्टी से गठबंधन नहीं किया जाएगा। बता दें, इससे पहले बसपा ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन किया था।
बता दें, मायावती ने जेजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था- बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, सीट बंटवारे में जेजेपी का रवैया ठीक नहीं। वहीं, दुष्यंत ने कहा कि हमने बसपा को पूरा सम्मान दिया था। गत 11 अगस्त को दिल्ली में दुष्यंत चौटाला और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जेजेपी-50 व बसपा-40 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात तय थी।
हरियाणा में कई बार गठबंधन कर चुकी बसपा
हरियाणा में बसपा ने 1998 में इंडियन नेशनल लाेकदल के साथ गठबंधन किया था। 2009 में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। मई 2018 में फिर से इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर चलने का फैसला किया गया, लेकिन यह गठबंधन 9 महीने बाद ही टूट गया। जींद उपचुनाव में करारी हार के बाद बसपा का इनेलो का अस्तित्व खतरे में नजर आने लग गया। इनेलो के साथ गठबंधन तोड़कर फरवरी 2019 में राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का साथ लेने का मन बनाया है। हालांकि, यह गठबंधन भी ज्यादा दिन नहीं चल पाया।