सार
लखनऊ के लेवना होटल में हुए अग्निकांड के बाद इसे गिराने की तैयारी जारी है। आदेश दिया गया है कि 9 नवंबर तक होटल प्रबंधन स्वंय इस होटल को ध्वस्त करवा दे, यदि ऐसा नहीं होता है तो एलडीए इसे 14 नवंबर को ध्वस्त करवाएगा।
लखनऊ: हजरतगंज स्थित होटल लेवाना सुइट्स पर बुलडोजर चलाने को लेकर एलडीए ने अल्टीमेटम दे दिया है। एलडीए की ओर से प्रबंधक को यह होटल खुद ही तोड़ने का आदेश दिया गया है। हालांकि यदि ऐसा नहीं होता है तो 9 दिसंबर को एलडीए खुद बुलडोजर लेकर यहां पहुंचेगा और इस होटल को तोड़ने में जो नुकसान होगा उसकी भरपाई भी प्रबंधक को ही करनी होगी। ज्ञात हो कि 4 सितंबर को भीषण अग्निकांड के बाद होटल में 4 लोगों की मौत हो गई थी।
इस वजह से कोई अधिकारी नहीं डालता था होटल पर नजर
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह होटल एलडीए, फायर डिपार्टमेंट और जिला प्रशासन की मिलीभगत से ही तैयार हुआ था। होटल में फायर सेफ्टी को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं था। जानकार बताते हैं कि पूर्व डीएम और एलडीए के वीसी रह चुके अफसर यहां अक्सर पार्टी करते रहते थे। यही कारण था कि कभी भी इस होटल पर कोई नजर नहीं डालता था। इसी के चलते यह कमियां कभी उजागर ही नहीं हुई और न ही कोई कार्रवाई की गई। यहां तक बीते विधानसभा चुनाव में जब ममता बनर्जी यूपी आई तो वह भी इसी लेवना होटल में रूकी थीं।
नियमों को दरकिनार कर चल रहा था होटल
होटल लेवाना में 4 सितंबर को आग लगी थी। इस हादस में 4 लोगों की मौत हुई जिसमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल थी। जांच के बाद पता लगा कि होटल का नक्शा ही पास नहीं था। फायर के मानक भी अधूरे थे और होटल को हाउसिंग सोसायटी की जमीन पर खड़ा किया गया था। मौजूदा समय में भी लेवाना प्रबंधन के एमडी जेल में हैं। आग लगने के बाद होटल की कई कमियां उजागर हुई थई। होटल में चारों ओर से छह मीटर की जगह तक नहीं छोड़ी गई थी। आग बुझाने के लिए बुलडोजर से होटल का पिछला हिस्सा तोड़ना पड़ा था। फायर की गाड़ी भी सिर्फ एक-दो तरफ ही पहुंच पाई थी। होटल इंडस्ट्री के नियमों के अनुसार धुआं निकालने के लिए एक्जास्ट लगाना अनिवार्य है, हालांकि होटल में एक भी एग्जास्ट नहीं था। होटल में अंडरग्राउंड और ओवरहेड टैंक तक नहीं था।
सुनवाई में नहीं दिए जा सके वैध सबूत
एलडीए की ओर से दिए गए आदेश के बाद 14 नवंबर को बुलडोजर से इस होटल का गिराया जाएगा। हालांकि इससे पहले 9 नवंबर तक होटल को खुद इसके मालिक तोड़ सकते हैं। लेकिन यदि 9 नवंबर तक ऐसा नहीं होता है तो उसके बाद एलडीए आगे की कार्रवाई करते हुए होटल को ध्वस्त करवाएगा। एलडीए ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान होटल प्रबंधक को पूरा मौका दिया गया। हालांकि प्रबंधक निर्माण के वैध होने का कोई भी सबूत नहीं दे पाया।