सार

मेरठ में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर को मंजूरी मिलने के साथ यूपी के पहले डॉल्फिन पार्क के बनने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। सीएम ने यूपी में चार वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर्स को बनाने की मंजूरी दे दी है। तो वहीं दूसरी ओर मेरठ में डॉल्फिन पार्क को लेकर एक्शन प्लान मांगा है।

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर को मंजूरी मिलने के साथ यूपी के पहले डॉल्फिन पार्क के बनने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। हस्तिनापुर से लेकर बिजनौर बैराज और नरौरा बैराज तक डॉल्फिन की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है। पिछले दिनों डॉल्फिन की गणना में सुखद परिणाम सामने आए थे। इसके बाद यहां पर चालीस से ज्यादा संख्या में ये खूबसूरत जीव पाया गया था। सीएम योगी ने राज्य में चार वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर्स को बनाने की मंजूरी दे दी है। तो वहीं दूसरी ओर जिले में डॉल्फिन की संख्या में इजाफा होने के बाद से सीएम योगी ने डॉल्फिन पार्क को लेकर एक्शन प्लान प्रस्तुत करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब वन विभाग गंगा डॉल्फिन पार्क का एक्शन प्लान तैयार कर रहा है।

डॉल्फिन के संरक्षण में वन विभाग प्रयासरत
जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बिहार की तर्ज पर मेरठ में गंगा डॉल्फिन पार्क बनाने की कवायत शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जल्द ही प्लान बनाकर सरकार को दिया जाएगा। वहीं डीएफओ ने बताया कि डॉल्फिन के संरक्षण के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है। साथ ही ईको टूरिज़्म पार्क बनाए जाने को लेकर भी कवायद जारी है। राज्य में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर्स बनने के बाद  वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट यहां रहेंगे। जब भी आसपास के जिलों में कोई तेंदुआ, बाघ, शेर या जंगली जीव मिलता है तो उसको रेस्क्यू कर इसी सेंटर में रखा जाएगा। यहां उनकी देखभाल और इलाज होगा। 10 हेक्टेयर में यह सेंटर बनेगा। ये रेस्क्यू सेंटर मेरठ के हस्तिनापुर, चित्रकूट बहिलपुरवा, गोपालपुर पीलीभीत टाइगर रिजर्व और मधवलिया महाराजगंज में बनाए जाएंगे।

गणना के दौरान डॉल्फिन  साथ ली थी सेल्फी
गौरतलब है कि बीते दिनों में डॉल्फिन की गणना के दौरान मेरठ के हस्तिनापुर स्थित मखदूमपुर गंगा घाट पर खूबसूरत डॉल्फिन दिखी थी। जो टीम इस घाट पर गणना कर रही थी तो उस समय डॉल्फिन के साथ सेल्फी भी ली थी। डबल्यू डबल्यू एफ और वन विभाग वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की पांच टीमों ने जलीय जंतु डॉल्फिन की गणना की हैं। ज्यादातर डॉल्फिन की गणना तो हो जाती है लेकिन तस्वीर कैमरे में कै़द नहीं हो पाती लेकिन इस बार डॉल्फिन की गणना के दौरान न सिर्फ डॉल्फिन कैमरे में क़ैद हुई थी बल्कि टीम ने भी इस खूबसूरत जलीय जंतु के साथ सेल्फी ली थी।

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