सार
मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ गोरखपुर में सीएए को लेकर आयोजित रैली को संबोधित किए। मंच से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा किए। विरोधी दलों का बिना नाम लिए जमकर हमला बोले और जनता को सीएए समझाने के लिए महाभारत के द्रौपदी चीरहरण प्रसंग का जिक्र किया।
गोरखपुर, (Uttar Pradesh)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 साल से हिंदू चाहते थे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बने। पहले मुगल और फिर अंग्रेज इसे लटकाते रहे। कांग्रेस ने भी उसी सिलसिले को आगे बढ़ाया। लोग कहते थे कि फैसला आएगा तो खून की नदी बहेगी और हमने कहा था कि एक मच्छर भी नहीं मरेगा, और वही हुआ।
आंबेडकर को मिला सम्मान
सीएम ने कहा कि आजादी के समय दलितों के दो मशहूर नेता थे। डॉ. भीमराव आंबेडकर और योगेंद्र नाथ मंडल थे। डॉ. आंबेडकर भारत के कानून मंत्री बने और योगेंद्र ने पाकिस्तान में रहना पसंद किया और वहां के कानून मंत्री बनाए गए। आंबेडकर को भारत में इतना भरपूर सम्मान मिला, जबकि योगेंद्र मंडल को बाद में भारत में शरण लेनी पड़ी और शरणार्थी के तौर पर गुमनामी में उनकी मौत हुई।
जनता को सुनाया द्रौपदी चीरहरण प्रसंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाभारत के द्रौपदी चीरहरण प्रसंग का जिक्र किया। बताया कि विदुर ने चीरहरण की घटना के लिए तीन लोगों को दोषी माना था। पहले वह जो जिन्होंने वह अपराध किया, दूसरे वह जो अपराध में सहयोगी रहे और तीसरे वह जिन्होंने उसे लेकर मौन धारण कर लिया। आज जब देश का चीरहरण हो रहा है, तो किसी भी रूप में घटना का दोष न बने। ऐसे सीएए के पक्ष के लिए मौन तोडऩा बहुत जरूरी है।