सार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन के तहत ड्रोन के नियमन, निर्माण एवं श्रमशक्ति को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यक्रम या नियमावली तैयार करने का निर्णय लिया गया है।

लखनऊ: सुरक्षा-व्यवस्था के दृष्टिगत ड्रोन की उपयोगिता और बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने बड़ा निर्णय किया है। प्रदेश में ड्रोन उड़ाने के लिए नियम-कानून से लेकर उसके उत्पादन और प्रशिक्षण की खास व्यवस्था लागू होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi adityanath) के निर्देश पर इसके लिए अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी (Avanish kumar awasthi) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। समिति 15 दिनों में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी।

उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते वीवीआइपी मूवमेंट, आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान शांति-व्यवस्था से लेकर औद्योगिक क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए ड्रोन कैमरों की भूमिका भी लगातार बढ़ती जा रही है। राहत कार्यों में ड्रोन की भूमिका बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है।

ड्रोन के जरिये हमले की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे किसी खतरे से निपटने के लिए शासन ने प्रदेश में ड्रोन का संचालन करने के लिए प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों का बेड़ा तैयार करने का निर्णय भी किया है। विशेष कार्यक्रम व अवसरों पर उड़ना भरने वाले निजी ड्रोन पर अंकुश भी लगेगा। साथ ही प्रदेश में ड्रोन के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह भी देखा जायेगा कि किन-किन क्षेत्रों में ड्रोन का प्रयोग किया जा सकता है। खासकर कृषि, स्वास्थ्य व ऐसे अन्य क्षेत्रों में भी ड्रोन के उपयोग पर मंथन होगा।

अपर मुख्य सचिव, गृह की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति में राजस्व, उद्योग, प्राविधिक शिक्षा विभाग, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम विभाग, नागरिक उड्डयन के वरिष्ठ अधिकारी, डीजीपी, डीजी लाजिस्टिक, आइआइटी कानपुर के तकनीकी विशेषज्ञों व डा.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के विशेषज्ञ शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव, गृह का कहना है कि ड्रोन के बढ़ते उपयोग को देखते हुए इसके नियम, उत्पादन व प्रशिक्षण के लिए नियमावली तैयार किये जाने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति 15 दिनों के भीतर कार्ययोजना बनाकर शासन को सौंपेगी।