सार
लखनऊ में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन इंडिया (सीपीए) रीजन के 7वें सम्मेलन का उद्घाटन हुआ। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया। सम्मेलन 19 जनवरी तक चलेगा, जिसमें संसदीय प्रणाली और विधायी कार्यों को लेकर मंथन किया जाएगा। इसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि हंगामे की वजह से बाधित होने वाले विधानसभा या लोकसभा के सत्र में कामकाज को कैसे बढ़ाया जाए?
लखनऊ (Uttar Pradesh). लखनऊ में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन इंडिया (सीपीए) रीजन के 7वें सम्मेलन का उद्घाटन हुआ। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया। सम्मेलन 19 जनवरी तक चलेगा, जिसमें संसदीय प्रणाली और विधायी कार्यों को लेकर मंथन किया जाएगा। इसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि हंगामे की वजह से बाधित होने वाले विधानसभा या लोकसभा के सत्र में कामकाज को कैसे बढ़ाया जाए?
सदन के सभी सदस्यों को मिले ये अधिकार
ओम बिड़ला ने कहा- हर चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ रहा है, इससे ये साबित होता है कि लोगों का लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है। इसलिए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी ज्यादा बढ़ी है। क्योंकि उनका उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहती है। सदन के सभी सदस्यों को ये अधिकार मिलना चाहिए कि सरकार उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक ले, ताकि जनता के बीच जाकर वो जवाब दे सकें।
सीएम योगी ने कही ये बात
सीएम योगी ने कहा- भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के जैसी है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे हैं।
8 देशों के 141 प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
सीपीए में कुल 9 रीजन हैं। इनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, कनाडा, मलयेशिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, तंजानिया और यूनाइटेड किंगडम हैं। कॉन्फ्रेंस में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, सभी विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष, सभापति, प्रमुख सचिवों के साथ आठ देशों के 141 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बता दें, यह सम्मेलन दो साल में एक बार होता है। छठीं कॉन्फ्रेंस 2018 में पटना में और पांचवीं कॉन्फ्रेंस गोवा में हुई थी।