सार

कांग्रेस पार्टी तमाम बैठकों के बाद अब नई रणनीति पर आगे बढ़ने को लेकर विचार कर रही है। यह विचार सांगठनिक रणनीति बदलने को लेकर किया जा रहा है। जिन नेताओं को बीते दिनों पार्टी से निष्कासित किया गया उनको वापस लेने पर भी मंथन किया जा रहा है। हालांकि इस बीच यह ख्याल रखा जा रहा है कि इन नेताओं ने गांधी-नेहरू परिवार को लेकर कोई टिप्पणी न की हो। 

लखनऊ: कांग्रेस अपने निष्कासित वरिष्ठ नेताओं को फिर से वापस लेने पर विचार कर रही है। यह विचार युवा नेतृत्व और नए प्रयोगों के फेल होने के बाद लिया जा रहा है। जिसके बाद उम्मीद है कि पार्टी में अनुभवी नेताओं का सिक्का एक बार फिर से चलेगा। इसी के साथ युवाओं को उन नेताओं के अनुभव में काम करने के अवसर प्राप्त होंगे।

कई पुराने नेता कर चुके हैं पार्टी से किनारा 
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) और विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Election) के बीच कांग्रेस के कई पुराने नेता या तो पार्टी को छोड़ चुके हैं या फिर साइड लाइन कर दिए गए हैं। पार्टी के एक नेता की ओर से हाल ही में ऐसे 30 नामों की लिस्ट जारी की गई थी जो पार्टी से किनारा कर चुके हैं। यह लिस्ट पूर्व विधायकों और सांसदों की थी। जिसके बाद हाईकमान को उम्मीद थी कि नया नेतृत्व नए जोश के साथ काम करेगा। इसके अच्छे परिणाम भी हासिल होंगे। लेकिन चुनाव में पार्टी अपना जनाधार खो बैठी। यह जनधार पार्टी के साथ खराब से खराब वक्त में भी मौजूद था। 

सार्वजनिक रूप से कांग्रेस विधानसभा चुनाव में हार के जो भी कारण बताए लेकिन भीतरखाने पार्टी के उथल-पुथल मची हुई है। वहीं टीम प्रियंका (Team Priyanaka Gandhi) के लोग इसे प्रायोजित बता रहे हैं। प्रियंका गांधी का कहना है कि इसको लेकर लोग गंभीर हैं। यही कारण है कि वह प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से भी मिल कर मुलाकात कर रही हैं। वहीं हार के कारणों को लेकर विचार विमर्श करने के साथ ही पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए भी सुझाव लिए जा रहे हैं।

कई नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से की मुलाकात 
यही नहीं जो नेता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मुलाकात करना चाहते हैं उनके लिए समय का प्रबंध भी किया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बात की जाए तो आचार्य प्रमोद कृष्णम, प्रमोद तिवारी, अजय कुमार लल्लू, अजय राय, सतीश आजमानी समेत कई नेता मुलाकात के बाद सुझाव भी दे चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा प्रदेश नेतृत्व के कार्यशैली को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। 

नई रणनीति पर आगे बढ़ने का हो रहा विचार
फिलहाल पार्टी तमाम बैठकों के बाद अब नई रणनीति पर आगे बढ़ने को लेकर विचार कर रही है। यह विचार सांगठनिक रणनीति बदलने को लेकर किया जा रहा है। जिन नेताओं को बीते दिनों पार्टी से निष्कासित किया गया उनको वापस लेने पर भी मंथन किया जा रहा है। हालांकि इस बीच यह ख्याल रखा जा रहा है कि इन नेताओं ने गांधी-नेहरू परिवार को लेकर कोई टिप्पणी न की हो। वहीं प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर अनुभवी नेताओं को बैठाने को लेकर भी मंथन चल रहा है। 

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