सार
रविवार को यूपी (Uttar Pradesh) के हरदोई (hardoi) जिले में भाजपा युवा मोर्चा (BJP Yuva Morcha) की ओर से जिला कार्यालय पर लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय कहे जाने वाले आपातकाल 25 जून 1975 का विरोध करने वाली मुखर होकर उठने वाली आवाज के सम्मान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
हरदोई: केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार (Congress Government) की ओर से 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी (Emergeny) लागू की गई थी। इसी के चलते मौजूदा भाजपा सरकार (BJP Government) से जुड़े नेताओं ने इस 25 जून की तारीख को काला दिवस के रूप में मनाया। इसी के साथ बीते 26 जून यानी रविवार को यूपी (Uttar Pradesh) के हरदोई (hardoi) जिले में भाजपा युवा मोर्चा (BJP Yuva Morcha) की ओर से जिला कार्यालय पर लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय कहे जाने वाले आपातकाल 25 जून 1975 का विरोध करने वाली मुखर होकर उठने वाली आवाज के सम्मान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष विवेक सिंह मोनू ने कहा कि 25 जून के दिन हमारे गौरवशाली लोकतंत्र की हत्या कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी, जो भारतीय इतिहास का सबसे काला दिन था। इसके विरोध में उठी हर आवाज को मेरा सादर नमन हैं।
'आपातकाल के शूरवीरों का सम्मान' संगोष्ठी का हुआ आयोजन
यूपी के हरदोई जिले में भाजपा युवा मोर्चा के जिला कार्यालय में 'आपातकाल के शूरवीरों का सम्मान' नाम से एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में लोकतन्त्र सेनानी समरादित्य सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा युवा मोर्चा के अवध क्षेत्र के उपाध्यक्ष विवेक सिंह मोनू एवं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामबहादुर सिंह मौजूद रहे। संगोष्ठी कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष आकाश सिंह ने की। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे समरादित्य सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपातकाल हमारे देश के लोकतन्त्र पर एक काला धब्बा है, जिसे इंदिरा गांधी की सरकार ने लगाया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय में लोकतन्त्र सेनानियों को जो यातनाएं दी गईं, वो घाव आज भी भरे नहीं हैं। लिहाजा, आज के युवा की जिम्मेदारी है कि लोकतंत्र विरोधी कांग्रेस के इस कृत्य को लेकर समाज में जाएं।
अपातकाल लगाकर कांग्रेस ने भारतीयों से छीने सभी संवैधानिक अधिकार - मोनू
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे विवेक सिंह मोनू ने कहा कि आपातकाल के दौरान युवाओं ने वर्तमान काग्रेस सरकार के खिलाफ भरपूर संघर्ष किया और जिसके परिणाम स्वरूप देश में चुनावी घोषणा करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं ने अपातकाल के दौरान भारत को एक नई दिशा दिखाई। कांग्रेस ने सत्ता के लिए हम भारतीयों के सभी संवैधानिक अधिकार छीन लिए और आपातकाल लगा दिया था। इतना ही नहीं, क्रूरता के मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि ' मैं उन देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को फिर से स्थापित करने और तानाशाही मानसिकता को हराने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।'