सार
मंदिर का निर्माण शुरू होने पर काम बीच में रुके नहीं इसलिए राजस्थान की चार कार्यशालाओं में पत्थर तराशने का काम चल रहा है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राजस्थान में मकराना मार्बल की एक कार्यशाला और तीन कार्यशाला पिंक सैंड स्टोन की है। जिसमें से दो कार्यशाला सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा और एक आबूरोड में काम चल रहा है।
अयोध्या: राममंदिर की नींव का काम पूरा होते ही गर्भगृह का निर्माण शुरू होना है। इसलिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तराशे गए पत्थरो की खेप मंगानी शुरू कर दी है। सोमवार को कई ट्रकों में राजस्थान के पिण्डवाड़ा क्षेत्र से तराशे गए पत्थर रामजन्मभूमि परिसर पंहुचने शुरू हो गए। मंदिर का निर्माण शुरू होने पर काम बीच में रुके नहीं इसलिए राजस्थान की चार कार्यशालाओं में पत्थर तराशने का काम चल रहा है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राजस्थान में मकराना मार्बल की एक कार्यशाला और तीन कार्यशाला पिंक सैंड स्टोन की है। जिसमें से दो कार्यशाला सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा और एक आबूरोड में काम चल रहा है।
नींव पर लगाए जा रहे ग्रेनाइट पत्थर
कार्यशालाओं में कुल मिलाकर एक लाख घन फुट पत्थर तराशे जाने का टारगेट हैं। काम जल्द पूरा हो इसलिए अभी फिलहाल एक कार्यशाला को 33 हजार घन फुट पत्थर तराशने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। क्योंकि ट्रस्ट की कोशिश है कि दिसंबर 2023 को भगवान अपने मूल गर्भगृह में विराजमान हो जाएं और भक्त उनका दर्शन भव्य मंदिर में करना शुरू कर दें। फिलहाल इस समय नींव पर ग्रेनाइट पत्थर लगाए जा रहे हैं। इन पत्थरों को काफी बड़ी 3 टावर क्रेन से उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखने का काम किया जा रहा है।
रामनवमी में ट्रस्ट भक्तों को परोसेगा निशुल्क भोजन
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नित नए प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में इस बार रामनवमी से नई शुरुआत होने जा रही है। ट्रस्ट की तैयारी है कि इस बार 3 से 10 अप्रैल यानी राम के जन्ममोत्सव तक रामलला के सभी श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन प्रसाद मिले इसकी व्यवस्था होगी। खास बात यह रहेगी कि यह भक्तों को यह भोजन सीता रसोई मंदिर में मिलेगा जो परिसर के उत्तर- पश्चिम भाग में स्थित है। इसी के साथ ट्रस्ट ने दर्शन मार्ग पर एलईडी भी लगाई है। जिससे दशर्न मार्ग से ही भक्त रामलला को देख सकें।
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