सार

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया मंदिर के  नींव की पहली लेयर के लिए पत्थर नुमा चट्टान बनाई गई। फिर दूसरी लेयर राफ्ट की ढलाई करके बनी। अब तीसरी लेयर ग्रेनाइट पत्थर के ब्लाक रखकर मंदिर की कुर्सी अर्थात फर्श जिसे इंजीनियर प्लिंथ कहते है उसका काम शुरू हो गया है।
 

 अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान की आराधना कर राममंदिर (Ram mandir) की फर्स को बनाने का काम शुरू करा दिया है। विधि- विधान से हुए पूजन कार्यक्रम में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (champat rai) सहित सदस्य महंत दिनेन्द्र दास,  राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिस्र, डॉ अनिल मिस्र सहित निर्माण एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो और टाटा के इंजीनियर मौजूद थे। यह नींव के तीसरे चरण का काम है। जिसे प्लिंथ कहा जाता है। यह प्लिंथ साढ़े 6 मीटर ऊंची,5 फीट लंबी, 3 फीट चौड़ी और ढाई फीट मोटी होगी। इस तरह के लगभग 17 हजार ग्रेनाइट के पत्थर एक के ऊपर एक रखकर साढ़े 6 मीटर ऊंची प्लिंथ तैयार की जाएगी। इस काम को जून माह तक पूरा कर लेने का दावा है।

फर्श बनाने में लगेंगे 6 माह इसके बाद शुरू होगा रामलला के गर्भगृह के निर्माण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया मंदिर के  नींव की पहली लेयर के लिए पत्थर नुमा चट्टान बनाई गई। फिर दूसरी लेयर राफ्ट की ढलाई करके बनी। अब तीसरी लेयर ग्रेनाइट पत्थर के ब्लाक रखकर मंदिर की कुर्सी अर्थात फर्श जिसे इंजीनियर प्लिंथ कहते है उसका काम शुरू हो गया है।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि आज दोपहर 2.30 बजे श्रीराम जन्मभूमि पर राफ़्ट के ऊपर पूजन विधि द्वारा ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक रखकर मन्दिर की कुर्सी अर्थात फर्श प्लिंथ ऊँचा करने का कार्य प्रारंभ कर दिया । इस अवसर पर महन्त दिनेंद्र दास, बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉक्टर अनिल मिश्र, श्री कोटेश्वर शर्मा, श्री गोपाल , लार्सन टुर्बो के श्री विनोद मेहता, टाटा के श्री विनोद शुक्ला, ट्रस्ट की ओर से श्री जगदीश आफले, राजेन्द्र त्रिपाठी, अविनाश संगमनेरकर, अन्य समस्त इन्जीनियर, व अन्य कर्मी, पुलिस अधीक्षक परिसर पंकज पाण्डेय उपस्थित रहे। उन्होंने बताया इस काम को पूरा होने में लगभग 6 माह का समय लगेगा। इसके कुछ माह बाद राममंदिर के गर्भगृह का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया ट्रस्ट की पूरी कोशिश है कि रामलला दिसंबर 2023 में भव्य गर्भगृह में विराजमान हो जाए।