सार
दुकानदारों के मुताबिक पिछले साल भर से प्रॉपर तरीके से दुकाने नहीं खुल पा रही है। ऊपर से लॉकडाउन और कोरोना ने लोगों को बेहद परेशान कर दिया है। ऐसे समय में लगातार हो रही लोगों की मौत से कफन की डिमांड बढ़ गई है। अब शहर के अधिकांश इलाकों से लोग यही मांगने आने लगे हैं। ऐसे में रोजी-रोटी चलाने के लिए कफन और अर्थी बेचने का काम शुरू कर दिया है।
प्रयागराज (Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस के दूसरे लहर ने लोगों को डर में जीने को मजबूर कर दिया है। वहीं, अर्थव्यवस्था पर भी इसका खासा असर पड़ा है। अब तो ऐसे भी लोग देखे जा रहे हैं, जो कल तक शादी-विवाह के सामान बेचते थे मगर, आज वो कफन और अर्थी सजाने के सामान बेचने लगे हैं। जी, हां सुनने में अटपटा लग रहा होगा, लेकिन हकीकत यही है। इनमें चौक इलाके की दो दुकानदार भी शामिल हैं। बता दें कि ये दुकानदार अपने यहां दूल्हे की पगड़ी, कमरबंद, तलवार बेचते थे, लेकिन अब कफन कलावा और टिकटी बेक रहे हैं।
अब अर्थी सजाने के सामान बेचने को मजबूर
प्रयागराज के चौक इलाके में कोतवाली के सामने वर्षों पुरानी दो दुकानें हैं। इन दुकानों पर पहले शादी विवाह का सामान बिका करता था। इसमें दूल्हे की पगड़ी, पगड़ी में लगाने वाला पंख सहित दूसरे सामान शामिल हुआ करते थे, लेकिन साल भर से शादी विवाह में आई कमी ने दुकानदारों को अर्थी सजाने के सामान बेचने पर मजबूर कर दिया है।
दुकानदारों ने कही ये बातें
दुकानदारों के मुताबिक पिछले साल भर से प्रॉपर तरीके से दुकाने नहीं खुल पा रही है। ऊपर से लॉकडाउन और कोरोना ने लोगों को बेहद परेशान कर दिया है। ऐसे समय में लगातार हो रही लोगों की मौत से कफन की डिमांड बढ़ गई है। अब शहर के अधिकांश इलाकों से लोग यही मांगने आने लगे हैं। ऐसे में रोजी-रोटी चलाने के लिए कफन और अर्थी बेचने का काम शुरू कर दिया है।