सार
गोंडा के मुजेहना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पीड़ित परिवार का आरोप था कि स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारम नवजात की मौत हुई थी।
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला स्थित मुजेहना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते एक नवजात की मौत हो गई थी। इस मामले को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने घटना पर नाराजगी जाहिर की है। मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने गोंडा सीएमओ को तलब करते हुए मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गोंडा सीएमओ खुद घटनास्थल पर पहुंच कर मामले को देखें और पीड़ित परिजनों से मुलाकात करें।
डिप्टी सीएम ने दिए जांच के निर्देश
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की 24 घंटे में जांच की जाए। जांच के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही और लेटलतीफी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तामीरदारों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपमुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गोंडा सीएमओ ने घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच शुरूकर दी है। प्रसूता के भाई ने नवजात की मौत से नाराज होकर मामले की थाने में शिकायत कर दी थी। मो. हारुन की शिकायत पर धानेपुर पुलिस ने नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानें क्या है पूरा मामला
धानेपुर के बछईपुर गांव निवासी सायरा बानो को शनिवार रात तेज प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उन्हें मुजेहना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरं ने उन्हें एडमिट कर लिया था। इसके बाद देर रात तीन बजे सायरा बानो ने बेटे को जन्म दिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने परिजनों को बताया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है और उसे अलग वार्ड में ऑक्सीजन में रखना पड़ेगा। परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों के सोने के बाद बच्चे पर किसी जंगली जानवर ने हमला कर दिया था। जिस कारण नवजात की मौत हो गई। क्योंकि बच्चे के चेहरे पर खरोंच के निशान थे। वहीं डॉक्टर बच्चे के मृत पैदा होने की बात कर रहे थे।