सार
पीलीभीत की है यह घटना जहां प्राइवेट अस्पताल ने एक मृत व्यक्ति को 24 घंटे तक वेंटीलेटर पर रख कर परिजनों से पैसे वसूले।
पीलीभीत: शहर के नामचीन अस्पताल ने एक मृत इंसान को जिंदा बताकर परिजनों से एक लाख रूपए वसूल लिए। मामला पीलीभीत का है जहां डॉक्टरों ने सड़क हादसे का शिकार हुए मृत युवक को 24 घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा। इसके बाद हायर ट्रीटमेंट के लिए उसे दुसरे अस्पताल रेफर कर दिया।अस्पताल के रवैये पर परिजनों को जब शक हुआ और उन्होंने पोस्टमार्ट कराया तो रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई कि, युवक की मौत पहले ही हो चुकी थी। मामला आठ जून का है लेकिन शिकायत करने के बावजूद जब कार्रवाई नहीं हुई तो भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया। सीएमओ ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है।
पहले हो चुकी थी मौत
मृतक की पत्नी शारदा देवी ने बताया कि 6 जून को उसके पति राजू का एक्सीडेंट हो गया था। गंभीर हालत में उसे अवध नर्सिंग होम ले जाया गया जहां डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद उसे एसएस हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टर एसके अग्रवाल ने राजू की शरीर में कोई हरकत न देखकर घर वापस जाने की बात कही। एंबुलेंस चालक के कहने पर राजू को डॉक्टर मैकूलाल वीरेंद्र नाथ हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने देखने के बाद भर्ती कर लिया। यहां वेंटिलेटर पर रखने के नाम पर पहले 40 हजार रुपए जमा कराए गए और बाद में सात जून को 60 हजार रुपए और जमा कराए गए। जब आईसीयू में राजू को देखने के लिए परिजन पहुंचे तो उसकी आंखों पर पट्टी बंधी थी। 8 जून को अचानक दोपहर 11 बजे हायर ट्रीटमेंट सेंटर ले जाने की सलाह देते हुए अस्पताल ने जबरदस्ती रेफर लेटर बना दिया। मामला एक्सीडेंट का होने के कारण पोस्टमार्टम कराया गया तो रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि राजू की मौत 12 से 24 घंटे पहले ही हो गई थी। परिजनों ने इसकी शिकायत सीएमओ से की लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।