सार
यूपी के गोरखपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर का अपहरण करने चार लग्जरी कारों से दर्जन भर बदमाश पहुंचे। हांलाकि डॉक्टर ने अपनी सूझ-बूझ दिखाते हुए अपहर्ताओं को गुमराह कर अपनी जान बचा ली। अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
गोरखपुर(Uttar Pradesh ). यूपी के गोरखपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर का अपहरण करने चार लग्जरी कारों से दर्जन भर बदमाश पहुंचे। हांलाकि डॉक्टर ने अपनी सूझ-बूझ दिखाते हुए अपहर्ताओं को गुमराह कर अपनी जान बचा ली। अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
मामला यूपी के गोरखपुर का है। यहां कैंट इलाके में वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक आशुतोष शुक्ला शंकर नेत्रालय के नाम से अस्पताल चलाते हैं। मंगलवार को होली के दिन शाम तकरीबन पांच बजे वे अपनी कार से पत्नी और बच्चों के साथ किसी रिश्तेदार के घर जाने की तैयारी में थे। अस्पताल के बाहर खड़े होकर वे पत्नी व बच्चों का इंतजार कर रहे थे। उनका ड्राइवर कार को बाहर निकाल रहा था। इस बीच अस्पताल के सामने एकाएक चार लग्जरी कारें आकर रुकीं। उसमे सवार दो लोग डॉक्टर के पास पहुंचे और डॉक्टर को पकड़ कर बीच में खड़ी फार्च्यूनर के पास ले गए।
सूझबूझ से ऐसे बचाई जान
अपहर्ताओं ने डॉक्टर को घसीटकर फॉर्टनर के पास ले गए। उसमे बैठे एक बदमाश ने डॉक्टर आशुतोष से पूंछा कि क्या तुम्ही डॉक्टर हो। इस पर डॉ आशुतोष समझ गए कि अपहर्ता उन्हें पहचान नहीं रहे हैं। उन्होंने तुरंत बताया कि मै तो मरीज हूं डॉक्टर को दिखाने आया हूं। इतने में डॉक्टर के गार्ड ने उन्हें देखा तो वह शोर मचाते हुए उधर दौड़ा। इस पर अपहर्ता वहां से भाग निकले।
पुलिस को तहरीर देने के बाद ली वापस
डॉ आशुतोष के साथ हुई पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी में कैद हो गई। जिसके बाद वह फुटेज लेकर पुलिस के पास पहुंचे और तहरीर दी। लेकिन फिर अचानक कोई कार्रवाई न करने की बात कहते हुए तहरीर वापस ले ली। बताया जाता है कि डॉक्टर का उनके एक रिश्तेदार से लेनदेन का कुछ विवाद चल रहा है। इसलिए डॉक्टर आशुतोष ने तहरीर वापस ले ली।
देर शाम फिर दे आए तहरीर
देर शाम डॉ आशुतोष फिर से थाने पहुंचे और उन्होंने अस्पताल में उनके साथ हुई घटना की सीसीटीवी फुटेज देने के साथ ही तहरीर दी। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक गाड़ी की पहचान भी कर ली गई है। सीओ कैंट सुमित शुक्ला का कहना है कि डॉक्टर ने तहरीर दी थी। बाद में वह कन्फ्यूजन में तहरीर देने की बात कहने लगे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।