सार
यूक्रेन में रूस का हमला लगातार जारी हैं। जिसका असर भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। रूस की ओर से हमले के बाद यूक्रेन में हजारों भारतीय फंस गए हैं। साथ ही यूक्रेन में अपने सपनों को उड़ान देने गए कई छात्र वापस आ गए तो कुछ वहां अभी भी फंसे हुए है। जिसकी वजह से उनके परिजन बेहद परेशान और प्रार्थना करने में लगे हुए हैं।
लखनऊ: यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार जारी हैं। रूस की सैन्य कार्रवाई से दुनियाभर में चिंता की लकीरें छा गईं। दोनों देश की इस जंग का असर भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। रूस की ओर से हमले के बाद यूक्रेन में हजारों भारतीय फंस गए हैं। गुरुवार को यूक्रेन की ओर से एयरस्पेस बंद किए जाने के बाद भारतीय विमान भी वापस लौट आया है। इस बीच यूक्रेन के कीव में भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों से शांति से रहने और दृढ़ता के साथ स्थिति का सामने करने की अपील की है। साथ ही यूक्रेन से कुछ छात्र तो वापस आ गए लेकिन अभी भी कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। जिसमें जालौन की दो बेटियां और एक युवक भी इस हमले के बाद वहां फंस कर रह गए हैं। जिनकी सलामती के लिए उनके परिजन प्रार्थना कर रहे हैं।
जालौन की दो बेटियां और एक युवक भी इस हमले के बाद वहां फंस कर रह गये हैं, जिनकी सलामती के लिए उनके परिजन प्रार्थना कर रहे हैं। जालौन जनपद के शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव की तीन बेटियां अंकुरीति, आकृति व संस्कृति हैं। शैलेंद्र ने अपनी बेटियों की अच्छे से परिवरिश करके अच्छी शिक्षा दी। जिसमें उन्होंने दूसरे नंबर की बेटी आकृति चित्रांश के ख्वाब को पूरा करने के लिए यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए भेजा। जहां इस समय आकृति यूक्रेन के कीव शहर के बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर की स्टूडेंट है। जब से रूस और यूक्रेन में तनातनी शुरू हुई तभी से शैलेंद्र व उनकी पत्नी पूनम श्रीवास्तव आकृति चित्रांश को लेकर परेशान है।
पिता शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अगर गुरुवार सुबह यूक्रेन पर रूस हमला न करता तो उनकी बेटी आकृति भारत से भेजी गई फ्लाइट से वापस आ जाती। हमले की वजह से फ्लाइट रास्ते से ही वापस लौट आई। जिसका उन्हें बेहद ही अफसोस है और परिवार के लोग विदेश मंत्रालय व देश के प्रधानमंत्री से यही गुजारिश कर रहे हैं कि उनकी बेटी ही नहीं बल्कि बाकी बच्चों को भी वहां से सही सलामत वापस लाया जाए।
धमाकों से खौफ में है जालौन के विकास
जालौन के एक बेटा भी यूक्रेन में फंसा हुआ है। जालौन में बजाज ऑटो एजेंसी चलाने वाले राम कुमार गुप्ता का पुत्र विकास गुप्ता यूक्रेन की नेशनल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। जिनका इस समय थर्ड ईयर चल रहा है। यूक्रेन में हुए हमले के बाद से उनके परिजनों का बुरा हाल है। मां मीरा गुप्ता भगवान से प्रार्थना करने में जुटी हुई है। परिजनों ने जब विकास से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना बोला कि फिलहाल हम लोग सुरक्षित हैं पर लगातार हो रहे धमाकों से वह लोग दहशत में हैं।
बेसमेंट में साथियों के साथ छिपी हुई है जालौन की छाया यादव
जालौन के मोहल्ला रापटगंज निवासी राघवेंद्र सिंह यादव की बेटी छाया यादव यूक्रेन के दिन नीतियां यूनिवर्सिटी में मेडिकल की थर्ड ईयर की छात्रा है। जिसके वहां फंस जाने से मां सहित बाकी परिवार के लोग परेशान हैं। लगातार हो रहे हमलों के बीच जब छाया से परिजनों ने बात की तो उसने सिर्फ इतना बताया कि फिलहाल वह अपने साथियों के साथ हॉस्टल के बेसमेंट में छिपी हुई है। हॉस्टल के संचालक व अन्य लोगों ने आश्वासन दिया है कि मौका मिलते ही उन लोगों को दूसरे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा।
खुद को डर पर बेटे की पिता ने बंधायी हिम्मत
फर्रुखाबाद का प्रतीक अपने पिता से फोन में बोल रहा है कि पापा-पापा बड़ी घबराहट हो रही है। यहां बम पर बम फूटे जा रहे हैं। यह सुनकर घर वाले भी परेशान हो रहे हैं। बेटे की चिंता परिजन को सताए जा रही है। शमसाबाद सीएचसी में तैनात चीफ फार्मासिस्ट कमलेश बाबू का बेटा प्रतीक यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। यह उसका चौथा साल है। सुबह से दो बार वह अपने पिता से बात कर चुका है। पिता कमलेश ने बताया कि बेटे ने जानकारी दी है कि सुबह से दोपहर तक उसके घर के नजदीक कई बार बम फूट चुके हैं। तेज धमाके हो रहे हैं। डर लग रहा है। इस पर कमलेश ने अपने बेटे को हिम्मत बंधायी। कहा कि घबराएं न घर से बाहर न निकलें। कमलेश ने बताया कि बेटे ने जानकारी दी है कि यूक्रेन में जो छात्र फंसे हैं उन्हें पास के ही दूसरे शहरों में शिफ्ट करने की तैयारी हो रही है।
बता दे कि इसके साथ-साथ दूतावास ने वहां रह रहे भारतीयों के लिए तीसरी एडवाइजरी भी जारी कर दी है। वहीं यूक्रेन में फंसे बच्चों को लेकर उनके परिवार वालों में चिंता बढ़ती जा रही है। परिवार वाले भी अपने बच्चों को फोन और वीडियो कॉल के जरिए यूक्रेन के हालात की लगातार जानकारी लेने में जुटे हैं। यूपी के कानपुर, आगरा, फर्रुखाबाद, हरदोई, जालौन, जमशेदपुर समेत कई जिलों के सैकड़ों छात्र-छात्राएं यूक्रेन और रूस की जंग में फंसकर रह गए। ज्यादातर लोगों ने वीडियो बनाकर प्रधानमंत्री मोदी से यूक्रेन से एयरलिफ्ट कराने की गुहार भी लगाई। हालांकि कुछ बच्चों ने पढ़ाई पूरी होने तक वहीं पर रुकने की भी बात कही है।