सार

चारधाम यात्रा के दौरान कई कठिनाइयों का सामना यात्रियों को करना पड़ता है। लिहाजा चारधाम यात्रा पर निकलने से पहले कई अहम बातों का ख्याल यात्रियों को रखना चाहिए। इन बातों का ख्याल न रखने पर वह अनजाने में ही सही आफत को मोल लेते हैं। 
 

रुद्रप्रयाग: जो लोग पूरी तरह से फिट नहीं हैं उनके लिए चारधाम यात्रा आसान नहीं होती है। इस कठिनाई का कारण है कि यहां रास्ते में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ मौसम के साथ हवा में ऑक्सीजन की कमी भी होती जाती है। ऐसे में दिल कमजोर होने पर दिक्कत होना स्वाभाविक हो जाता है। 

नियमों की अनदेखी खतरे में डाल रही जान 
यात्रा मार्ग में कई जगहों पर ब्लड प्रेशर समेत अन्य जरूरी जांच कर यात्रियों को आगाह किया जाता रहता है। डॉक्टरों की सलाह को दरकिनार कर लोग यात्रा के समत अपने ही जीवन को खतरे में डाल लेते हैं। यह अनदेखी कोविड हिस्ट्री वाले यात्रियों के लिए और भी अधिक खतरनाक साबित हो रही है। इसका कारण है कि स्वस्थ्य होने के बाद भी उनके फेफड़े उतने मजबूत नहीं होते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में कम आक्सीजन वाले वातावरण में चढ़ाई वाली यात्रा का दबाव वह झेल सके। केदारनाथ यात्रा में चार दिनों में पांच यात्रियों की मौत हो चुकी है। इसमें से चार लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने से जबकि एक की मौत खाई में गिरने से हुई है। 

समुद्रतल से 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में ऑक्सीजन का दबाव काफी कम है। यहां खराब मौसम में घने कोहरे और बर्फबारी के चलते लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है। लिहाजा यात्री की धड़कन बढ़ने, बेचैनी, चक्कर आने और सीने में दर्द की शिकायत सामने आती है। यह दिक्कत ह्रदयाघात का कारण बनती है। 

इन चीजों का जरूर रखे ध्यान 
मैदानी क्षेत्र से पहाड़ी क्षेत्र में जाने वाले यात्री अपनी स्वास्थ्य जांच जरूर करवाएं। इसी के साथ वह अपने साथ में दवाई जरूर रखे। केदारनाथ में ऑक्सीजन 55 से 57 फीसदी है। लिहाजा यहां सांस लेने की दिक्कत होना आम बात है। 

केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को फस्ट-एड बॉक्स में एक छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर जरूर शामिल करना चाहिए। इसी के साथ गर्म कपड़े अति आवश्यक हैं। पैदल पहुंचने वाले यात्री कमीज और टीशर्ट में चल रहे हैं तो आगे जाकर उनकी तबियत खराब हो सकती है। इसी के साथ खाली पेट न रहा जाए। पीने के लिए गर्म पानी का उपयोग किया जाए। 

कोविड हिस्ट्री वाले लोग यात्रा से पहले आवश्यक जांच जरूर करवा लें। इसी के साथ अपनी दवाईयों आदि को पास में ही रखे। 

उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में भीड़ ने तोड़ा रिकॉर्ड, कपाट खुलते ही तय लिमिट से अधिक पहुंचे श्रद्धालु

3 चाबियों से खुलते है बद्रीनाथ धाम के कपाट, मंदिर में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले ये काम करते हैं पुजारी