सार
छुट्टी ट्रांसफर को लेकर कई पुलिसकर्मियों द्वारा जान को दांव पर लगाने के बारे में बहुत सुना होगा, लेकिन यहां मामला बिल्कुल अलग है। एक दारोगा ने ट्रांसफर होने पर ऐसा कदम उठाया, जिसे करने से पहले लोग सौ बार सोचेंगे।
इटावा (Uttar Pradesh). छुट्टी-ट्रांसफर को लेकर कई पुलिसकर्मियों द्वारा जान को दांव पर लगाने के बारे में बहुत सुना होगा, लेकिन यहां मामला बिल्कुल अलग है। एक दारोगा ने ट्रांसफर होने पर ऐसा कदम उठाया, जिसे करने से पहले लोग सौ बार सोचेंगे।
क्या है पूरा मामला
इटावा पुलिस लाइन में तैनात दारोगा विजय प्रताप का ट्रांसफर जिले से 60 किलोमीटर दूर बिठौली थाने में हो गया। जिसपर नाराजगी जताने के लिए दारोगा ने दौड़कर बिठौली थाने जाने का फैसला किया। शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे उन्होंने पुलिस लाइन से दौड़ना शुरू किया। लेकिन 40 किलोमीटर दूर चंबल के बीहड़ में हनुमंतपुरा में बेहोश होकर गिर पड़े। स्थानीय लोगों ने उन्हें रोड से उठाकर चारपाई पर लिटाया और एंबुलेंस बुलाई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची बिठौली थाने की पुलिस ने उन्हें स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहीं, एसएसपी संतोष कुमार मिश्रा ने मामले की जानकारी होने पर कहा, अब यही काम थोड़ी बचा है।
जानें दारोगा का क्या है कहना
दारोगा विजय प्रताप ने कहा- मेरी पहले भी बिठौली थाने में तैनाती हो चुकी है। वहां के प्रभारी से विवाद के बाद मुझे पुलिस लाइन भेज दिया गया था। लेकिन एक बार फिर मुझे उसी थाने में भेज दिया गया। जबकि मैं न तो किसी थाने में पोस्टिंग मांग रहा था न ही पुलिस लाइन से अलग जाना चाह रहा था। कहीं और पोस्टिंग हो जाती तो मुझे को दिक्कत नहीं थी। जबरन मुझे फिर उसी थाने में भेज दिया गया। आखिर मैं अपनी नाराजगी किसे दिखाऊं। इसलिए मैंने 60 किमी की दूरी दौड़कर तय करने की ठानी।