सार

डॉक्टर ने बताया कि सिर्फ बरेली में ही दवा मिल सकती है तो शनिवार सुबह हाइवे पर किसी वाहन का इंतजार करने लगा। जब शाम तक कोई वाहन नहीं मिला तो वह रविवार सुबह साइकिल से ही बरेली के लिए चल पड़ा और सोमवार सुबह तक यहां आ गया। 

बरेली (Uttar Pradesh)। लॉकडाउन में लोगों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यह इसी खबर से समझा जा सकता है। पिता की दवा लेने के लिए एक गरीब बेटे को 160 किलोमीटर साइकिल चलाकर बरेली आना पड़ा। जिसके बाद उतना ही साइकिल चलाकर वापस जाना पड़ा। हालांकि इसकी जानकारी होने पर दवा विक्रेता ने आधे दाम पर ही एक माह की दवा दिया। साथ ही उसे भोजन कराने के बाद घर भेजा। जिसकी जानकारी होने पर लोग दवा विक्रेता की तारीफ भी कर रहे हैं।


20 साल से बीमार है पिता
हरदोई जिले के तहसील शाहबाद के मैगलगंज क्षेत्र के रसूलपुर गांव निवासी राजेश कुमार के पिता स्वामी दयाल (60) साल के हैं। वह मानसिक रोग से पीड़ित हैं, जिनका करीब 20 साल से इलाज चल रहा है। रविवार सुबह हरदोई से साइकिल से दवा लेने बरेली निकला था। सोमवार की सुबह करीब 9 बजे बरेली पहुंच गया। यहां श्यामगंज में उसने मेडिकल स्टोर से दवाई ली।

इसलिए आया था बरेली
राजेश कुमार ने बताया कि एक सप्ताह पहले उसके पिता की दवा खत्म हो गई। तबीयत बिगड़ने पर उसने हरदोई से लेकर सीतापुर तक के चक्कर काटे, लेकिन वहां दवा नहीं मिली। डाक्टर ने बताया कि सिर्फ बरेली में ही दवा मिल सकती है तो शनिवार सुबह हाइवे पर किसी वाहन का इंतजार करने लगा। जब शाम तक कोई वाहन नहीं मिला तो वह रविवार सुबह साइकिल से ही बरेली के लिए चल पड़ा और सोमवार सुबह तक यहां आ गया। 

लोक कर रहे दवा व्यापारी की तारीफ
दवा विक्रेता दुर्गेश खटवानी ने बताया वह एक महीने की दवाई लेने आया था। उसके पास पैसे भी पूरे थे, लेकिन वह इतने दूर से चलकर आया था कि इसलिए उसकी मदद के तौर उसे एक माह की दवा आधे दामों पर उपलब्ध करा दी। साथ ही उसके कुछ खाने का भी प्रबंध कर दिया। हालांकि इसकी जानकारी होने पर लोग दवा विक्रेता की तारीफ भी कर रहे हैं।