सार
यूपी के वाराणसी जिले में बीते दो दिन लगातार अग्निपथ योजना को लेकर विरोध में भारी बवाल हुआ था। जिसमें लाखों रुपए का आर्थिक क्षति हुई। हिंसा के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की तो जिला जेल में बंद पांच जिलों के 27 उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति की वसूली होगी।
वाराणसी: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर राज्य में हुए बवाल के बाद जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अग्निपथ योजना के विरोध में तोड़फोड़ करने वालों पर प्रशासन सख्त हो चुका है। योजना के विरोध के दौरान रोडवेज और निजी सहित 36 वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त किया था। इन वाहनों को लेकर जिला प्रशासन के अनुसार 12 लाख 97 हजार रुपए की आर्थिक क्षति हुई है। अग्निपथ योजना के विरोध में जिला जेल में बंद पांच जिलों के 27 उपद्रवियों से क्षतिग्रस्त की वसूली की जाएगी। यह सभी उपद्रवी वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़ के हैं।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने इसका पूरा दावा प्रस्ताव 27 व्यक्तियों के नाम और सभी फोटो, वीडियो साक्ष्य सहित तैयार करा कर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए गठित दावा प्राधिकरण प्रयागराज में भेज दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 17 जून की घटना में जिन और व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आएगी तो उसके अनुसार वसूली के लिए और नाम दावा प्राधिकरण को भेजे जाएंगे। इसके लिए ऐसे व्यक्तियों की जानकारी वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी कर्मचारियों और गुप्त सूत्रों से और अन्य जिलों के जिलाधिकारियों से इकत्रित की जा रही है।
जिले के इन इलाकों से लोगों पर हो रही कार्रवाई
कौशल राज शर्मा के अनुसार थाना सिगरा और जैतपुरा में गाजीपुर पचरुखवा, रेहरी मालीपुर, जौनपुर के नगोली, सैदखानपुर, गोबरा, बहरीपुर, लाल मझवार, भगरी व खवाजपुरा, आजमगढ़ के रासेपुर, मऊ के कुसवू व वाराणसी के हथियर, हजीपुर, मूढ़ादेव, देवराईदान, चोलापुर और गोसाईपुर से लोगों को निरुद्ध किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि कैंट बस स्टेशन से काशी कार्यशाला की ओर जा रही थी, इन वाहनों को सिटी रेलवे स्टेशन की ओर से कैंट रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे 100-150 प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया था। साथ ही परिवहन निगम वाराणसी क्षेत्र एवं वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की कुल 36 बसें, जिनमें से 21 बसें कैंट बस स्टेशन पर मार्ग पर प्रस्थान करने के लिए खड़ी थी। इन पर भी पथराव किए थे।
योजना के विरोध में शहर में आकर किया प्रदर्शन
अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले अब चिन्हित किए जा रहे हैं। उनके नुकसान की पूरी वसूली होगी। जिलाधिकारी कौशल शर्मा ने बताया कि हिंसक विरोध के दौरान जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने जांच के आधार पर ही संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध ग्रामीण थाना क्षेत्रों में कार्रवाई की गई है। योजना के विरोध में शहर में आकर उपद्रव करने वालों की सूची बनाई जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, थानाध्यक्षगण, पुलिस क्षेत्राधिकारी ने अपने- अपने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों और कोचिंग चलाने वालों के साथ बैठक कर उन्हें यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उनके गांव से कोई भी व्यक्ति कानून व्यवस्था को अपने हाथ में न ले।
उपद्रवियों को सरकारी नौकरियों से किया जाएगा वंचित
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि सभी को अवगत कराया जा रहा है कि कोई भी हिंसक गतिविधियां ने करें और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं अन्यथा ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार के लोग सरकारी नौकरियों से वंचित हो जाएंगे। इसको लेकर अगर किसी को भी ज्ञापन देना है या लिखित पत्र देना है तो गांव में ही संबंधित अधिकारियों को शांतिपूर्वक दें। इतना ही नहीं उनका ज्ञापन वहीं पर अधिकारी लेंगे। बता दें कि अग्निपथ के विरोध में चौकाघाट और सिटी स्टेशन के पास रोडवेज बसों में तोड़फोड़ मामले में जैतपुरा थाने में एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। जैतपुरा इंस्पेक्टर मथुरा राय के मुताबिक सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक काशी डिपो की तहरीर के आधार पर सार्वजनिक संपत्ति नुकसान अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
Agnipath पर अग्निवीर...देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते 369 ट्रेनों को किया रद्द