सार

प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार को युवकों ने भारी तोड़-फोड़ की। ट्रेनों व रोडवेज की बसों में आगजनी कर सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसी कारणवश यूपी पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। पुलिस ने अब तक 260 लोगों को गिरफ्तार किया है।

लखनऊ: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ। राज्य के कई जिलों में शुक्रवार को युवकों ने भारी तोड़-फोड़ की। आक्रोशित युवाओं ने कई जगहों में ट्रेनों व रोडवेज बसों में आगजनी कर सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे समेत कई स्थानों पर जाम लगाया गया। वाहनों पर भी जमकर पथराव किए गए। वहीं यूपी पुलिस ने अग्निपथ योजना के खिलाफ उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक 260 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के चार जिलों में छह एफआईआर भी दर्ज की गई है।

अयोध्या में भी धारा 144 लागू
अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ राज्य में अब तक 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं।इस दौरान फिरोजाबाद, अलीगढ़ और नोएडा कमिश्नरेट में एक-एक, तो वाराणसी कमिश्नरेट में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। राज्य के छह जिलों में गिरफ्तारी में बलिया से 109, मथुरा से 70 अलीगढ़ से 30 आगरा से 9 , वाराणसी कमिश्नरेट से 27 और नोएडा से 15 कुल 260 लोग गिरफ्तार हुए है। इसके अलावा यूपी पुलिस ने सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए तत्काल प्रभाव से 23 जून तक पुलिसकर्मियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। यूपी के बलिया में युवाओं ने भारत माता की जय और अग्निपथ वापस लो जैसे नारे लगाते हुए एक खाली ट्रेन में आग लगा दी। इसके अलावा कुछ अन्य ट्रेनों में तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। बलिया के बाद अब अयोध्या में भी धारा 144 लागू कर दी गई है। 

जानिए क्या है अग्निपथ योजना
बता दें कि केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की घोषणा मंगलवार को की थी। इस योजना के अंतर्गत सैनिकों की भर्ती चार साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। अग्निपथ योजना के चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 23 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। इसी समय 25 फीसदी रंगरूटों को नियमित सेवा के लिए बरकरार रखा जाएगा और बाकी बचे 75 फीसदी युवाओं को केंद्रीय बलों के साथ पुलिस में वरीयता दी जाएगी। 

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