सार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के लिए विशेष टैबलेट लगाए जाएंगे। इसी पर सभी विधायकों के सवाल और सरकार के मंत्रियों के जवाब का ब्योरा सेव रहेगा। ई-विधान का ट्रायल यूपी विधानसभा के पहले सत्र में ही किया जाएगा। इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के पहले सत्र का नजारा अब बिल्कुल बदला नजर आएगा। इस बार राजभवन में विधायक कागज-पेन लेकर नहीं बल्कि टैबलेट से विधानसभा में सवाल पूछेंगे। ऐसी व्यवस्था यूपी में पहली बार होगी और विधानसभा चुनाव में बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर योगी सरकार ने एक नई पहल शुरू कर दी है। विधानसभा में टैबलेट से सवाल पूछेंगे और अपने क्षेत्र के मुद्दों को उठाएंगे। टैबलेट में पूरा ब्योरा दर्ज होगा।
नागालैंड की तर्ज पर ई-विधान प्रोजेक्ट होगा शुरू
उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय में नागालैंड की तर्ज पर ई-विधान प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा सत्र के दौरान हर विधायक की सीट पर टैबलेट लगाए जाएंगे। विधानसभा सद्स्य के क्षेत्र क्रमांक के आधार पर इस टैबलेट में सारा कंटेंट उपलब्ध होगा और सदन का एजेंडा लोड होगा। इसी के माध्यम से विधायक अपने मुद्दों को उठाएंगे।
वन नेशन वन एप्लिकेशन के तहत लागू हो रही व्यवस्था
यूपी के मुख्यमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के लिए विशेष टैबलेट लगाए जाएंगे। इसी के जरिए सभी विधायकों के सवाल और सरकार के मंत्रियों के जवाब का ब्योरा सेव रहेगा। ई-विधान का ट्रायल विधानसभा के पहले सत्र में ही किया जाएगा। इसके लिए केंद्र की योजना के तहत काम हो रहा है। जैसे कि नेशनल ई विधान एप्लिकेशन एक तरह का सॉफ्टवेयर है। वन नेशन वन एप्लिकेशन के तहत देश के विभिन्न राज्यों में यह व्यवस्था लागू हो रही है। इसके लागू होने के बाद देश के सभी राज्य विधानसभा से जुड़ने के बाद संसद और राज्यों की विधानसभा डिजिटली जुड़ जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने ई-विधान के शुरू होने की दी जानकारी
उत्तर प्रदेश की विधानसभा कार्रवाई में टैबलेट में कैसे काम होगा, इसके लिए बाकायदा विधायकों की ट्रेनिंग होगी। यही नहीं ई-विधान में टैबलेट विधायकों की सीट पर ही काम करेंगे। दूसरी जगह बैठने पर नहीं काम करेंगे। इस टैबलेट में प्रश्नकाल में होने वाले सवाल और उनके लिखित जवाब लोड हो जाएंगे। इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि यह व्यवस्था शुरू हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उससे पहले विधायकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
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