सार

यूपी के कन्नौज में बीते दिनों हुए बस एक्सीडेंट के बाद सोमवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव पीड़ितों से मिलने अस्पताल पहुंचे। बताया जा रहा है कि अस्पताल में पीड़ितों का हाल जानने के दौरान अखिलेश ने वहां मौजूद डॉक्टर को यह कहकर भगा दिया कि तुम एक बहुत छोटे कर्मचारी हो, यहां से बाहर भाग जाओ।

कन्नौज (Uttar Pradesh). यूपी के कन्नौज में बीते दिनों हुए बस एक्सीडेंट के बाद सोमवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव पीड़ितों से मिलने अस्पताल पहुंचे। बताया जा रहा है कि अस्पताल में पीड़ितों का हाल जानने के दौरान अखिलेश ने वहां मौजूद डॉक्टर को यह कहकर भगा दिया कि तुम एक बहुत छोटे कर्मचारी हो, यहां से बाहर भाग जाओ। बता दें, 11 जनवरी को कन्नौज में डबल डेकर स्लीपर बस और ट्रक की जबरदस्त टक्कर में 20 लोगों के मारे जाने की आशंका है। 

क्या है पूरा मामला
अखिलेश सबसे पहले उस घटनास्थल पर गए जहां बस हादसा हुआ था। वहां उन्होंने पहले मृतकों को श्रद्धांजलि दी। प्रत्यक्षदर्शियों से हादसे की जानकारी ली। इसके बाद अस्पताल पहुंचे। यहां एक मरीज के परिजन ने अखिलेश को बताया, बस में 80 से ज्यादा लोग थे और अभी तक मुआवजे की चेक तक नहीं मिली। इस पर ड्यूटी पर तैनात इमर्जेंसी मेडिकल ऑफिसर ने कहा, घायलों को मुआवजे की राशि दी जा चुकी है। अधिकारी का इतना कहते ही कि अखिलेश भड़क गए। उन्होंने मेडिकल अफसर से कहा- तुम मत बोलो, तुम सरकारी आदमी हो। हम जानते हैं सरकार क्या होती है। तुम सरकार का पक्ष नहीं ले सकते। तुम बहुत छोटे कर्मचारी हो। एक दम दूर हो जाओ यहां से...बाहर भाग जाओ। तुम आरएसएस या बीजेपी के आदमी हो सकते हो।

अखिलेश ने हादसे के लिए योगी सरकार पर साधा निशाना 
यात्रियों की मौत पर शोक जताते हुए अखिलेश ने कहा, घटना के लिए सरकार दोषी है। सरकार ने मानक से ज्यादा लम्बी बस को परमिट कैसे दे दिया? कन्नौज में बनने वाले फायर स्टेशन के काम को रोक दिया। हादसे में मृत व्यक्तियों को 10-10 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।

योगी के मंत्री ने दिया अखिलेश को जवाब 
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा- अखिलेश सरकारी कर्मचारियों पर अपना फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं। कन्नौज बस हादसा बहुत दुखद था। इसमें घायल हुए लोगों का डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। उनकी पीठ थपथपाने की बजाए वह अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। कहा- जब मुख्यमंत्री नहीं है तो यह हाल है। यही नीतियों की वजह से वह सरकार में नहीं आ पा रहे हैं। उन्हें कोई स्वीकार नहीं करेगा।