सार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में शामिल हुए शाहजहांपुर की तिलहर सीट से पूर्व विधायक रोशन लाल वर्मा को अब शायद भाजपा छोड़ने का अफसोस हो रहा हो, लेकिन उसी भाजपा ने बसपा के हाथी से उतारे जाने के बाद कमल थमाकर एक वक्त उनकी नैया पार लगाई थी।
राजीव शर्मा
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की तिलहर सीट से पूर्व विधायक रोशनलाल वर्मा फिर चर्चा में हैं। अबकी इसलिए क्योंकि उन्होंने डीएम से अपनी पुत्रवधु रुचि वर्मा के मकान और दुकान पर बुलडोजर न चलाए जाने की गुहार लगाई है। दरअसल डीएम की ओर से एक शिकायत पर कराई गई जांच में पाया जा चुका है कि उनकी पुत्रवधु का मकान और दुकान शाहजहांपुर जिले के निगोही में जिस जमीन पर बनी है, उस जमीन का 40 प्रतिशत हिस्सा सरकारी है। लेकिन इस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होने की आशंका जताते हुए डीएम से कार्रवाई न करने की गुहार लगाने वाले पूर्व विधायक का कहना है कि जमीन बिल्कुल नहीं कब्जाई गई है। बल्कि इस मामले की शिकायत राजनीतिक प्रतिद्वंद्वता के चलते की गई है। अब इस मामले में कार्रवाई का निर्णय शाहजहांपुर के डीएम को करना है लेकिन सपा में होकर भी पूर्व विधायक रोशन लाल के सुर बदलने लगे हैं। वह फिर से योगी सरकार की तारीफ करने लगे हैं तो इससे लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि उनको भाजपा छोड़कर सपा में जाने का अब पछतावा हो रहा है।
भाजपा के विधायक थे फिर से टिकट मिलने की थी उम्मीद लेकिन सपा में चले गए
रोशन लाल वर्मा विधानसभा चुनाव होने तक तिलहर सीट से भाजपा के विधायक हुआ करते थे। भाजपा के टिकट पर वह 2017 में विधायक निर्वाचित हुए। पांच साल तक भाजपा में ही रहे। इस बार भी उनको फिर से भाजपा का टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन उनको चुनाव से पहले सपा की सरकार आने की उम्मीद दिखने लगी थी। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव से पहले 12 जनवरी को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की तो उनके साथ रोशन लाल वर्मा भी थे। इसके बाद से ही तय हो गया था कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ वह भी भाजपा छोड़कर सपा ज्वाइन कर लेंगे। हुआ भी यही 14 अप्रैल को स्वामी प्रसाद ने सपा ज्वाइन की तो उनके साथ जाने वाले भाजपा के विधायकों में सबसे पहले रोशन लाल ही थे, तब शाहजहांपुर के भाजपाइयों ने प्रतिक्रिया दी थी कि उन्होंने विधायक रहते सपा ज्वाइन करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है। वरना फिर से टिकट मिलने पर वह विधायक बनते। हुआ भी ऐसा ही, सपा से तिलहर सीट पर चुनाव लड़े रोशन लाल को भाजपा प्रत्याशी सलोना कुशवाहा ने काफी ज्यादा मतों के अंतर से हरा दिया।
बसपा ने दी थी सियासी सफर को उड़ान, जितिन प्रसाद को हराकर तीसरी बार बने थे विधायक
रोशनलाल वर्मा ने अपना राजनीतिक सफर वर्ष 1985 में शुरू किया था। पहली बार निगोही किसान सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष बने। लगातार तीन बार समिति अध्यक्ष का चुनाव जीते। ग्राम विकास बैंक की शाखा अध्यक्ष का चुनाव भी जीता। उप ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीते फिर ब्लॉक प्रमुख बने। इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए। बसपा ने उन्हें वर्ष 2007 में पहला चुनाव निगोही विधानसभा सीट से लड़ाया। वह जीतकर विधायक बने। उसके बाद वर्ष 2012 में वह बसपा के टिकट पर ही दुबारा विधायक निर्वाचित हुए। लेकिन वर्ष 2016 में बसपा ने उनको निष्कासित कर दिया तो भाजपा ने रोशनलाल वर्मा को हाथों-हाथ लिया और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में तिलहर से टिकट दे दिया। इस सीट पर तब कांग्रेस ने सपा गठबंधन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा लेकिन रोशन लाल उन्हें भी हराकर तीसरी बार विधायक बनने में कामयाब हो गए।
सत्ता में रहते हुए भी अफसरों के खिलाफ मुखर रहे
रोशन लाल पिछली योगी सरकार में भाजपा के विधायक थे, लेकिन सरकारी तंत्र के खिलाफ वह कई बार मुखर रहे और व्यवस्था में खामियों पर आवाज उठाने से पीछे नहीं रहे। कोरोना काल में उन्होंने अव्यवस्थाओं पर अफसरों को खरी खोटी सुनाई। तिलहर मंडी में गेहूं खरीद में धांधली को भी पुरजोर उठाया। निगोही क्षेत्र में लोगों का उत्पीड़न को लेकर वह एएसपी से भिड़ गए। भाजपा छोड़कर सपा में जाने के दौरान रोशनलाल वर्मा ने शाहजहांपुर के शहर विधायक और कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना पर हर काम में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया था।
भाजपा में जाने की चर्चाओं को नकार चुके
निगोही क्षेत्र में हाल ही में हुए एक अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान रोशन लाल वर्मा भाजपा नेताओं के साथ बैठे तो उनका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। चर्चाएं होने लगीं कि वह फिर भाजपा में लौट सकते हैं लेकिन उन्होंने ऐसी चर्चाओं को गलत बताते हुए कहा कि वह भाजपा में नहीं जा रहे।
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