सार
मनोज रंजन दीक्षित का पाकिस्तान में जासूसी के दौरान नाम यूनुस, युसूफ और इमरान था। रिपोर्ट्स के मुताबिक 80 के दशक में रॉ में प्रशासनिक सेवाओं की तरह आम नागरिकों को उनकी योग्यता के आधार पर भर्ती किया जा रहा था। 1985 में मनोज रंजन दीक्षित को नजीबाबाद से भर्ती किया गया। दो बार सैन्य प्रशिक्षण के बाद उन्हें पाकिस्तान भेजा गया।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को कोरोना से संक्रमित होने के कारण पूर्व रॉ एजेंट मनोज रंजन दीक्षित (56) साल का निधन हो गया। उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। बता दें कि वो दो बार जासूसी करने पाकिस्तान गए थे। इस दौरान वे एक बार पकड़ भी लिए गए थे, जिसपर उन्हें जेल जाना पड़ा था।
दो बार भेजे गए थे पाकिस्तान
मनोज रंजन दीक्षित का पाकिस्तान में जासूसी के दौरान नाम यूनुस, युसूफ और इमरान था। रिपोर्ट्स के मुताबिक 80 के दशक में रॉ में प्रशासनिक सेवाओं की तरह आम नागरिकों को उनकी योग्यता के आधार पर भर्ती किया जा रहा था। 1985 में मनोज रंजन दीक्षित को नजीबाबाद से भर्ती किया गया। दो बार सैन्य प्रशिक्षण के बाद उन्हें पाकिस्तान भेजा गया।
साल 2005 में हुई थी रिहाई
मनोज रंजन दीक्षित ने पाकिस्तान से बतौर जासूस कई अहम जानकारियां साझा की थीं। 1992 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कराची जेल में रखा गया था। उसके बाद वहां की शीर्ष अदालत के आदेश पर साल 2005 में उन्हें उन्हें बाघा बॉर्डर पर छोड़ा गया था।
साल 2007 में की थी शादी
पाकिस्तान से छूटने के बाद 2007 में उनकी शादी हुई। कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि पत्नी को कैंसर है। वह अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए लखनऊ आए थे। 2013 में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। इसके बाद से ही वह लखनऊ में रह रहे थे। गोमतीनगर विस्तार में वे स्टोर कीपर का काम कर रहे थे।